अध्याय 1 यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय / Rise of Nationalism in Europe

 फ्रांसीसी क्रांति यूरोप में राष्ट्रवाद क्रांतियों का युग जर्मनी और इटली के निर्माण राष्ट्र का दृश्य-कल्पना राष्ट्रवाद और साम्राज्यवाद    राष्ट्रवाद क्या है? राष्ट्रवाद होता है कि जो विचारधारा किसी भी राष्ट्र के सदस्यों में एक साझा पहचान को बढ़ावा देती है उसे राष्ट्रवाद कहते हैं। राष्ट्रवाद की भावनाओं की Read More …

अध्याय 2. भारत में राष्ट्रवाद / Nationalism in india

भारत में राष्ट्रवाद प्रथम विश्वयुद्ध रॉलट एक्ट खिलाफत आंदोलन असहयोग आंदोलन सविनय अवज्ञा आंदोलन भारत छोड़ो आंदोलन   राष्ट्रवाद क्या है? राष्ट्रवाद एक विचारधारा है जो उन लोगों द्वारा व्यक्त की जाती है जो यह मानते हैं कि उनका राष्ट्र अन्य सभी से श्रेष्ठ है। श्रेष्ठता की ये भावनाएँ अक्सर Read More …

अध्याय 3 भूमंडलीकृत विश्व का बनना / Becoming a globalized world

 आधुनिक युग से पहले उन्नसवीं शताब्दी 1815-1914 महायुद्धों की बीच अर्थव्यवस्था विश्व अर्थव्यवस्था का पुनर्निर्माण : युद्धोंत्तर काल   ★ परिचय :- वैश्विक दुनिया के निर्माण का एक लंबा इतिहास है । ● व्यापार का ● प्रवास का ● काम की तलाश में लोगों का ● पूंजी की आवाजाही का Read More …

अध्याय 4 औद्योगिकरण का युग / Era of industrialization

औद्योगिक क्रांति से पहले हाथ का श्रम और वाष्पशक्ति उपनिवेशों में औद्योगिकरण फैक्ट्रियों का आना औद्योगिक विकास वस्तुओं के लिए बाजार   ★ औद्योगीकरण का युग :- प्रारंभिक फैक्ट्रियों के शुरु होने के समय से ही लोग औद्योगीकरण की शुरुआत मानते हैं। लेकिन औद्योगीकरण की शुरुआत से ठीक पहले भी Read More …

अध्याय 5 मुद्रण संस्कृति और आधुनिक दुनिया / Printing Culture and the Modern World

शुरुआत छपी किताबें यूरोप में मुद्रण का आना मुद्रण क्रांति पढ़ने का जुनून भारत का मुद्रण संसार धार्मिक सुधार प्रकाशन प्रिंट    ★ मुद्रण संस्कृति और आधुनिक दुनिया :- ● प्रिंट टेक्नॉलोजी का विकास सबसे पहले चीन, जापान और कोरिया में हुआ। ● चीन में 594 इसवी के बाद से Read More …

अध्याय 16 : प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन

 प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन     प्राकृतिक संसाधन :-  वे संसाधन जो हमें प्रकृति ने दिए हैं और जीवों के द्वारा इस्तेमाल किए जाते हैं । जैसे :- मिट्टी , वायु , जल , कोयला , पेट्रोलियम , वन्य जीवन , वन ।   प्राकृतिक संसाधन के प्रकार :- Read More …

अध्याय 15 : हमारा पर्यावरण

हमारा पर्यावरण     पर्यावरण का अर्थ :-  परि ( आस – पास ) + आवरण ( घेरे हुए ) । वह आवरण जो हमें चारों ओर से घेरे हुए हैं या हमारे चारों ओर का वह वातावरण या परिवेश जिसमें हम रहते हैं , पर्यावरण कहलाता है ।   Read More …

अध्याय 14 : ऊर्जा के स्रोत

ऊर्जा के स्रोत   ऊर्जा :-  कार्य करने की क्षमताऊर्जा कहलाती है।यह एक अदीश राशि है तथा इसका S.I मात्रक “जुल” होता है।   ऊर्जा के स्त्रोत :- वैसी वस्तु जिनसे हमें ऊर्जा प्राप्त होती है , उसे ऊर्जा के स्त्रोत कहते है । जैसे :- कोयला , यूरेनियम , Read More …

अध्याय 5 आधुनिक विश्व में चरवाहे / Pastoralists in the Modern World

आधुनिक चरवाहा क्या है? घुमंतू चरवाहे और उनकी आवाजाही। चरवाहे किसे कहते है। भारत के मुख्य चरवाहा समुदायों के नाम। औपनिवेशिक शासन और चरवाहों का जीवन। अफ़्रीका में चरवाहा।  इस अध्याय में भारत और अफ़्रीका के पहाड़ों और रेगिस्तान और पठारों में चरवाहों के जीवन के बारे में अध्ययन करेंगें। Read More …

अध्याय 4. वन्य समाज एवं उपनिवेशवाद / Forest Society and Colonialism

 वन्य समाज और उपनिवेशवाद क्या है? उपनिवेशवाद क्या है? उपनिवेशवाद का मुख्य उद्देश्य क्या था? भारत किसका उपनिवेश था? वनों का विनाश क्यों? व्यावसायिक वानिकी वन विद्रोह जीविका , अर्थव्यवस्था एवं समाज।   खण्ड 4 में हम जीविका और अर्थव्यवस्थाओं के बारे में अध्ययन करेंगे। यहाँ हम इस बात पर Read More …