☆ राज्य की कृषि विकास योजनाएँ
राज्य में कृषि के विकास के लिए निम्नलिखित महत्त्वपूर्ण योजनाएँ चलाई जा रही हैं।
• कृषि ऋण समाधान योजना किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए यह योजना सरकार द्वारा संचालित की गई है।
• मुख्यमन्त्री किसान विदेश अध्ययन यात्रा योजना मध्य प्रदेश में विकसित देशों में प्रचलित कृषि तकनीकों का प्रत्यक्ष अवलोकन कराने के लिए मुख्यमन्त्री किसान विदेश अध्ययन यात्रा योजना 2018 में शुरू की गई।
• जैविक खेती प्रोत्साहन योजना यह योजना प्रदेश स्तर पर जैविक खेती को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य सरकार द्वारा चलाई गई है।
• भावान्तर भुगतान योजना किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य प्रदान कराने के लिए राज्य सरकार ने इस योजना को वर्ष 2017 में शुरू किया है।
• परम्परागत कृषि विकास योजना वर्ष 2015-16 में पर्यावरण एवं स्वास्थ्य की रक्षा हेतु जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए इस योजना को प्रारम्भ किया गया है।
• किसान लक्ष्मी योजना किसानों की निजी भूमि पर पौधारोपण को प्रोत्साहित करने के लिए वर्ष 2013-14 में दि.सान लक्ष्मी योजना शुरू की गई।
• बी टी कॉटन योजना राज्य सरकार ने कपास की खेती को व्यावसायिक रूप में बढ़ावा देने के लिए इस योजना को प्रारम्भ किया है।
• बलराम ताल योजना राज्य में वर्षा के जल को खेतों में रोककर फसलों की सिंचाई एवं भू-जल संवर्द्धन के लिए मई, 2007 में यह योजना प्रारम्भ की गई। इस योजना के अन्तर्गत अनुसूचित जाति एवं जनजाति के किसानों को 75% अनुदान राशि प्रदान की जाएगी।
• मुख्यमन्त्री कृषक कल्याण योजना प्रदेश के कृषि सम्बन्धी कार्य से जुड़े सभी लोगों को दुर्घटना होने पर आर्थिक सहयोग प्रदान करने के लिए यह योजना राज्य सरकार द्वारा चलाई गई है।
• अन्नपूर्णा एवं सूरजधारा योजना अनुसूचित जाति एवं जनजाति किसानों के कल्याण हेतु राज्य सरकार ने इन योजनाओं को वर्ष 2000-01 में प्रारम्भ किया। सूरजधारा
योजना में दलहन व तिलहन तथा अन्नपूर्णा योजना में खाद्यन्न फसलों के बीज उपलब्ध कराए जाते हैं।
《मध्य प्रदेश कृषि महोत्सव 2017》
राज्य में कृषि महोत्सव वर्ष 2017 का आयोजन 15 अप्रैल से 2 मई, 2017 तक आयोजित किया गया।
राज्य कृषि महोत्सव आयोजन के दौरान भारत उदय कार्यक्रम, कृषि क्रान्ति रथ की जिला स्तर से लेकर ग्राम स्तर तक विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की गई।
इस महोत्सव का मुख्य लक्ष्य कृषि से जुड़े विषयों पर किसानों एवं कृषि वैज्ञानिकों के मध्य सीधा सम्पर्क कराना है तथा साथ ही नवीन एवं वैज्ञानिक तकनीकी सुधार से वर्तमान फसलों की उत्पादकता को बढ़ाना है।
《राज्य की संयुक्त परियोजनाएँ》
परियोजनाएँ नदी
राणा प्रताप सागर = चम्बल
परियोजना
जवाहर सागर = चम्बल
परियोजना
कोटा बैराज परियोजना = चम्बल
सरदार सरोवर = नर्मदा एवं
परियोजना सहायक नदियाँ
बाणसागर परियोजना = सोन
उर्मिल परियोजना = उर्मिल
सिंहपुर बैराज, ग्रेटर = केन
गंगऊ बाँध
रानी लक्ष्मीबाई = बेतवा
(राजघाट/माताटीला)
परियोजना
पेंच परियोजना = पेंच
बाघ परियोजना = बाघ
काली सागर परियोजना = बाघ एवं
सहायक नदी
बावनथड़ी परियोजना = बावनथड़ी
(राजीव सागर)