☆ राज्य में खनिज नीति 2010
राज्य में प्रथम खनिज नीति को वर्ष 1995 में लागू किया गया था। इस नीति में सुधार करते हुए खनिज नीति 2010 को लागू किया गया।
खनिज नीति 2010 के मुख्य बिन्दु निम्न हैं
• नवीन खनिजों की खोज एवं भण्डार के आकलन के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग कर खनिजों की खोज करने के लिए निजी क्षेत्र सहभागिता को प्रोत्साहित किया जाएगा।
• एक निश्चित अनुपात में उच्च एवं निम्न श्रेणी खनिज के मिश्रण के लिए अध्ययनों एवं उपयोग को प्रोत्साहित किया जाएगा तथा खनिज विकास निधि का गठन किया जाएगा।
• खनिजों के अवैध उत्खनन एवं परिवहन की रोकथाम के लिए विभिन्न विभागों से समन्वय किया जाएगा।
• खनिजों के परिवहन के लिए ई-परमिट की व्यवस्था पर बल दिया जाएगा। खनिज रियायत आवेदन-पत्रों की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाएगा।
• बहुमूल्य धातुओं की खोज को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी। खनिजों के अवैध उत्खनन एवं परिवहन पर नियन्त्रण रखने के लिए विद्यमान नियमों को और अधिक कठोर बनाया जाएगा।
• वर्ष 2004 से खनिज विभाग द्वारा गौण खनिजों से प्राप्त होने वाली राजस्व की सूचना पंचायत विभाग को उपलब्ध कराई जा रही है।
《मध्य प्रदेश के प्रमुख खनिज एवं उत्पादक जिले》
खनिज उत्पादक जिले
• ग्रेफाइट – बैतूल
• सुरमा(एण्टीमनी)- जबलपुर
• एस्बेस्टॉस – झाबुआ
• हीरा – पन्ना, छतरपुर, सतना
(मझगवाँ)
• कोयला – सिंगरौली, शहडोल,
छिन्दवाड़ा, बैतूल एवं
सीधी
• बॉक्साइट – मण्डला, जबलपुर, रीवा
, सतना, सीधी, अनूपपुर
एवं शहडोल
• ताँबा – मलाजखण्ड(बालाघाट),
सलीमनाबाद(कटनी),
सागर, होशंगाबाद
• लौह-अयस्क – जबलपुर, विदिशा,
मण्डला, बालाघाट
• मैंगनीज – बालाघाट, छिन्दवाड़ा,
झाबुआ, खरगौन
• चूना-पत्थर – जबलपुर, मन्दसौर, सतना
, कटनी, धार
• डोलोमाइट – बालाघाट, छिन्दवाड़ा,
जबलपुर
• पायराइट – टीकमगढ़, देवास, धार
• अभ्रक स्लेट – बालाघाट, छिन्दवाड़ा,
होशंगाबाद, मन्दसौर
• सीसा – होशंगाबाद, दतिया,
शिवपुरी, झाबुआ, जबलपुर
• टिन – बैतूल, गोविन्दपुर, चुखाड़ा
• फेलस्पार – जबलपुर, छिन्दवाड़ा,
शहडोल
• रॉक फॉस्फेट – छतरपुर, झाबुआ, सागर
《राज्य में खोजे गए कुछ नवीन खनिज क्षेत्र》
खनिज क्षेत्र
• सोना – सीधी, कटनी, शहडोल
• निकेल – सीधी
• कॉपर – शहडोल
• प्लेटिनम – बैतूल
• पैलेडियम – बैतूल