उपभोक्ता क्या है।उपभोक्ता अधिकार क्या है। उपभोक्ता के क्या अधिकार है?उपभोक्ता के कितने प्रकार होते हैं?उपभोक्ता सरक्षण अधिनियम 1986 क्या है?उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019
☆ उपभोक्ता क्या है:
उपभोक्ता किसी भी व्यवसाय का सबसे महत्वपूर्ण भाग होता है. यह वह व्यक्ति होता है जो किसी वस्तु या सेवा का उपभोग करने के लिए व्यवसायी से वस्तु और सेवा को खरीदता है. सामान्य रूप से उपभोग करने वाली वस्तुए विभिन्न खाद्यान प्रदार्थ जैसे गेहू, दाल, चावल, फल, सब्जी इत्यादि होती है. वही उपभोग होने वाली सेवाए बिजली, यातायात के साधन, मोबाइल सेवाए इत्यादि है।
○ उपभोक्तावाद किसे कहते है?
उपभोक्तावाद शब्द आज के इस आधुनिक समय में एक बहुत शक्तिशाली शब्द है. उपभोक्तावाद से तात्पर्य उपभोक्ता के अधिकारों की रक्षा से है. इस आधुनिक योग में कोई भी व्यक्ति व्यवसाय के माध्यम से किसी भी व्यक्ति की मजबूरियों का फायदा उठा सकता है. या फिर उपभोक्ता को गलत या फर्जी सामान पकड़ा कर ठगी कर सकता है. ऐसी स्थिति में उपभोक्ताओ के अधिकारों की रक्षा एक महत्वपूर्ण विषय है
○ उपभोक्ताओ के अधिकार :-
1. सुरक्षा का अधिकार :-
अगर कोई व्यापारी उपभोक्ता को कोई ऐसी वस्तु बेचता है. जो उपभोक्ता के जीवन और स्वास्थ्य के प्रति हानिकारक हो. और अगर उपभोक्ता उस वस्तु के सतर्क है. और हानि को कम करने का प्रयत्न करता है और फिर भी हानि हो जाती है. तो ऐसी स्थिति में उपभोक्ता व्यापारी से क्षतिपूर्ति का दावा कर सकता है।
2. सुचना का अधिकार
उपभोक्ता अगर कोई खरीदता है तो वस्तु को खरीदने से पहले वस्तु के बारे में पूरी जानकारी जैसे मूल्य, गुणवत्ता, स्तर, शुद्दता इत्यादि प्राप्त करने का अधिकार होता है. अगर वस्तु से जुड़ी कोई सर्तकता है. तो कंपनी को उपभोक्ता को वस्तु को बेचने से पहले उपभोक्ता को बतानी होगी. जैसे अगर आप रसोई गैस का प्रयोग करते है तो कंपनी को बताना होगा की “जब भी कभी गैस का उपयोग न हो तो रेगुलेटर को बंद कर दे.”
3. चयन का अधिकार
उपभोक्ता को अपने विवेक के अनुसार वस्तु की गुणवत्ता को परखने का अधिकार होता है. कहि बार व्यापारी और विज्ञापनो में बुरी वस्तुओ को भी अच्छा बता कर अत्यधिक ज्यादा दाम में बेच दिया जाता है. इसके लिए उपभोक्ताओ को सचेत रहने की जरूरत होती है।
4.निवारण अधिकार
अगर उपभोक्ता के साथ किसी प्रकार का धोखा हुआ है. और सस्ती वस्तु को महंगा बेचा गया है. तो ऐसी स्थित में उपभोक्ता के पास दोषपूर्ण वस्तु के स्थान पर नई वस्तु और विक्रेता द्वारा अधिक मुख्य वापसी का अधिकार होता है।
5.सुनवाई का अधिकार
इस अधिकार के अनुसार उपभोक्ता को अपनी शिकायत की सुनवाई पर अपनी राय रखने और अपने हित की बात कहने का पूरा अधिकार होता है।
○ उपभोक्ताओं के कर्त्तव्य :-
• कोई भी माल खरीदते समय उपभोक्ताओं को सामान की गुणवत्ता अवश्य देखनी चाहिए।
• खरीदे गए सामान व सेवा की रसीद अवश्यक लेनी चाहिए ।
• अपनी वास्तविक समस्या की शिकायत अवश्यक करनी चाहिए।
• आई.एस.आई. तथा एगमार्क निशानों वाला सामान ही खरीदे ।
• अपने अधिकारों की जानकारी अवश्यक होनी चाहिए और
आवश्यकता पड़ने पर उन अधिकारों का प्रयोग भी करना चाहिए ।
○ उपभोक्ता सुरक्षा अधिनियम 1986 :-
• उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए बनाया गया कानून ।
•कोपरा के अंतर्गत उपभोक्ता विवादों के निपटारे के लिए जिला राज्य और राष्ट्रीय स्तरों पर एक त्रिस्तरीय न्यायिक तंत्रा स्थापित किया गया है
• जिला स्तर पर 20 लाख राज्य स्तर पर 20 लाख से एक करोड तक तथा राष्ट्रीय स्तर की अदालतें 1 करोड से उपर की दावेदारी से संबंधित मुकदमों को देखती है ।
○ उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019
उपभोक्ता संरक्षण विधेयक, 2019 को लोकसभा ने जुलाई, 2019 को और राज्यसभा ने अगस्त, 2019 को पारित किया है.
• उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए एक कानून है. देश भर में उपभोक्ता अदालतों में बड़ी संख्या में लंबित उपभोक्ता शिकायतों को हल करने के लिए
• यह अधिनियम बहुत जरूरी है. इसके पास उपभोक्ता शिकायतों को तेजी से हल करने के तरीके और साधन हैं.
1.केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) की स्थापना:-
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 में CCPA की स्थापना का प्रावधान है जो उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा करने के साथ साथ, उनको बढ़ावा देगा और लागू करेगा. यह प्राधिकरण; अनुचित व्यापार प्रथाओं, भ्रामक विज्ञापनों और उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन से संबंधित मामलों को भी देखेगा.CCPA के पास उल्लंघनकर्ताओं पर जुर्माना लगाने और बिके हुए माल को वापस लेने या सेवाओं को वापस लेने के आदेश पारित करना, अनुचित व्यापार प्रथाओं को बंद करने और उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान की गई कीमत को वापिस दिलाने का अधिकार भी होगा. केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण के पास उपभोक्ता नियमों के उल्लंघन की जांच के लिए एक जांच विंग होगा. CCPA का नेतृत्व महानिदेशक करेंगे.
2. भ्रामक विज्ञापनों पर प्रतिबंध और जुर्माना :-
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) के पास यह अधिकार होगा कि वह भ्रामक या झूठे विज्ञापन (जैसे लक्ष्मी धन वर्षा यंत्र) बनाने वालों और उनका प्रचार करने वालों पर जुर्माना लगाये और 2 वर्ष तक के कारावास की सजा सुनाये. यदि कोई व्यक्ति या कंपनी इस अपराध को बार-बार दोहराता/दोहराती है तो उसे 50 लाख रुपये का जुर्माना और 5 साल तक की कैद हो सकती है.
3. उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग :-
इस अधिनियम में राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तरों पर उपभोक्ता विवाद निवारण आयोगों (CDRCs) की स्थापना का प्रावधान है.
4. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत अधिकार क्षेत्र :-
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 ने उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (CDRCs) ने राष्ट्रीय, राज्य और जिला विवाद निवारण आयोग के अधिकार क्षेत्र को तय कर दिया है.
5.उपभोक्ताओं के अधिकार :-
• वस्तुओं या सेवाओं की मात्रा, गुणवत्ता, शुद्धता, क्षमता, कीमत और मानक के बारे में जानकारी प्राप्त करने का अधिकार
• खतरनाक वस्तुओं और सेवाओं से सुरक्षित रहने का अधिकार
• अनुचित या प्रतिबंधात्मक व्यापार प्रथाओं से संरक्षित रहने का अधिकार
• प्रतिस्पर्धी कीमतों पर विभिन्न प्रकार की वस्तुओं या सेवाओं की उपलब्धता
राष्ट्रीय विवाद निवारण आयोग, 10 करोड़ रुपये से अधिक की शिकायतों को सुनेगा जबकि राज्य विवाद निवारण आयोग, उन शिकायतों की सुनवाई करेगा जो कि 1 करोड़ रुपये से अधिक है लेकिन 10 करोड़ रुपये से कम है. अंत में जिला विवाद निवारण आयोग, उन शिकायतों को सुनेगा जिन मामलों में शिकायत 1 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की है.
Sir ye 10th wala yaha se koi Ncert Download nahi ho rha h kyo….isko ap telegram PE Send kr dijiye sir please
Pdf me wha se download ho jayega sir please
10th class ke notes Telegram or WhatsApp group me send kr diye hai