नात्सीवाद का अर्थ नात्सीवाद का उदय कब हुआ?वाइमर गणराज्य का जन्म हिटलर का उदय नात्सियों का विश्व दृष्टिकोण नात्सी जर्मनी में युवाओं की स्थिति नाजीवाद और फासीवाद क्या है? ★ वाइमर गणराज्य का जन्म :- वाइमार गणतंत्र जर्मनी की उस प्रतिनिधिक लोकतांत्रिक संसदीय सरकार को कहा जाता है Read More …
Category: NCERT NOTES
अध्याय 13 : विधुत धारा के चुंबकीय प्रभाव
विधुत धारा के चुंबकीय प्रभाव विधुत धारा का चुंबकीय प्रभाव :- जब किसी चालक में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है , तो उसके चारों ओर एक चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है , इस घटना को विद्युत धारा का चुंबकीय प्रभाव कहते हैं । चुम्बक :- Read More …
अध्याय 12 : विधुत
विधुत विधुत ऊर्जा :- किसी चालक में विधुत आवेश प्रवाहित होने से जो ऊर्जा व्यय होती है उसे विधुत ऊर्जा कहते हैं । यदि किसी चालक के सिरों के बीच विभवांतर V वोल्ट हो , तो q कूलॉम आवेश के चालक के एक सिरे से दूसरे सिरे तक ले Read More …
अध्याय 11 : मानव नेत्र तथा रंगबिरंगा संसार
मानव नेत्र तथा रंगबिरंगा संसार मानव नेत्र :- यह एक अत्यंत मूल्यावान एवं सुग्राही ज्ञानेंद्रिय है । मानव नेत्र एक कैमरे के भांति कार्य करता है । जो हमें चारों ओर के रंगबिरंगे संसार को देखने योग्य बनाता है । यह दृष्टिपटल पर उल्टा , वास्तविक प्रतिबिंब बनाता Read More …
अध्याय 10 : प्रकाश – परावर्तन तथा अपवर्तन
प्रकाश – परावर्तन तथा अपवर्तन प्रकाश :- प्रकाश ऊर्जा का एक रूप है , जिसकी मदद से हम किसी भी वस्तु को देख पाते हैं , प्रकाश कहलाता है । प्रकाश के गुण :- प्रकाश सरल ( सीधी ) रेखाओं में गमन करता है । प्रकाश विद्युत चुंबकीय तरंग Read More …
अध्याय 9 : आनुवंशिकता एवं जैव विकास
आनुवंशिकता एवं जैव विकास आनुवंशिकी :- लक्षणों के वंशीगत होने एवं विभिन्नताओं का अध्ययन ही आनुवंशिकी कहलाता है । आनुवंशिकता :- विभिन्न लक्षणों का पूर्ण विश्वसनीयता के साथ वंशागत होना आनुवंशिकता कहलाता है । विभिन्नता :- एक स्पीशीज के विभिन्न जीवों में शारीरिक अभिकल्प और डी ० एन० Read More …
अध्याय 8 : जीव जनन कैसे करते है
जीव जनन कैसे करते हैं जनन :- जनन वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा सजीव अपने जैसे नए जीव उत्पन्न करते हैं । यह पृथ्वी पर जीवन की निरंतरता को बनाए रखने के लिए आवश्यक है । जनन जीवों का अस्तित्व बनाए रखता है । जनन की मूल घटना डी.एन.ए. Read More …
अध्याय 7 : नियंत्रण एवं समन्वय
नियंत्रण एवं समन्वय नियंत्रण एवं समन्वय का क्या अर्थ :- जीव में विभिन्न जैव प्रक्रम एक साथ होते रहते है इन सभी के बीच तालमेल बनाए रखने को समन्वय कहते हैं । इस संबंध को स्थापित करने के लिए जो व्यवस्था होती है उसके लिए नियंत्रण की आवश्यकता होती Read More …
अध्याय 6 : जैव प्रक्रम
जैव प्रक्रम सजीव वस्तुएँ :- वे सभी वस्तुएँ सजीव वस्तएँ कहलाती है , जिसमें पोषण , श्वसन , उत्सर्जन तथा वृद्धि जैसी क्रियाएँ होती है । जैसे :- जंतु और पौधे । निर्जीव वस्तुएँ :- वे सभी वस्तुएँ निर्जीव वस्तुएँ कहलाती है , जिसमें जीवन के कोई भी Read More …
अध्याय 5 : तत्वों का आवर्त वर्गीकरण
तत्वों का आवर्त वर्गीकरण तत्व :- ऐसे पदार्थ जो एक ही प्रकार के अणुओं से मिलकर बने हैं , तत्व कहलाते हैं । उदाहरण :- सोडियम , सोना , मैग्नीशियम । आज तक हम 118 तत्वों की जानकारी प्राप्त कर चुके है । इन सभी तत्वों के गुण भिन्न Read More …