बल तथा दाब क्या है। अभिकर्षण और अपकर्षण क्या है। घर्षण क्या है। गुरुत्वाकर्षण बल । वायुमंडलीय दाब। चुंबकीय बल।
❍ बल :- किसी वस्तु पर लगने वाले धक्के (अभिकर्षण) या खिंचाव (अपकर्षण) को बल कहते हैं।
ठोकर मारना , हिट करना , धक्का देना , खींचना आदि।
○ अभिकर्षण :– किसी वस्तु को को गति में लाने के लिए उसे खींचना पड़ता हैं।
जैसे :- कुऍं से पानी की बाल्टी को खींचना।
○ अपकर्षण :- किसी वस्तु को को गति में लाने के लिए उसे धक्का देना पड़ता हैं।
जैसे :- कार को धक्का लगाना।
❍ बल अन्योन्यक्रिया के कारण लगते हैं।
○ बल लगने के लिए कम से कम दो वस्तुओं में अन्योन्यक्रिया होना आवश्यक है।
○ कार को गति देने के लिए आदमी को इसे धक्का लगाना होगा।
• किसी वस्तु पर एक ही दिशा में लगाए गए बल जुड़ जाते है।
जैसे – बॉक्स को धक्का देना।
• किसी वस्तु पर दो बल विपरीत दिशा में कार्य करते हैं तो इस पर लगने वाला बल बराबर होता है।
उदाहरण – रस्से को दोनों टीमें समान बल से खिंचती है तो रस्सा खिसकता नहीं है।
○ बल वस्तु की गति की अवस्था में परिवर्तन कर सकता है।
• क्रिकेट में बल्लेबाज बल्ले से गेंद पर बल लगाकर शॉर्ट खेलतें हैं।
उदाहरण – पेनल्टी किक लेते समय खिलाड़ी गेंद पर बल लगाता है।
○ गति की अवस्था :- किसी वस्तु की अवस्था का वर्णन इसकी चाल तथा गति की दिशा से किया जा सकता है।
• कोई वस्तु विराम अवस्था में अथवा गतिशील में हो सकती है, दोनों ही इसकी गति की अवस्थाएँ हैं।
• बल लगने पर सदैव ही किसी वस्तु की गति की अवस्था में परिवर्तन होगा।
• अनेक बार बल लगाने पर भी वस्तु की गति की अवस्था में परिवर्तन नही होता।
○ बल किसी वस्तु की आकृति में परिवर्तन कर सकता है।
• किसी वस्तु को विराम अवस्था से गति में ला सकता है।
• गतिशील वस्तु चाल में परिवर्तन कर सकता है।
• गतिशील वस्तु की दिशा में परिवर्तन कर सकता है।
• किसी वस्तु की आकृति में परिवर्तन ला सकता है।
○ सम्पर्क बल :- आपके शरीर का वस्तु के साथ सम्पर्क होता है ।
जैसे – पुस्तक को उठाना , छड़ी को उठाना , पानी की बाल्टी उठाना आदि।
○ पेशीय बल :- हमारी मांसपेशियों के क्रियास्वरूप लगने वाले बल को पेशीय बल कहते हैं।
जैसे – श्वसन प्रक्रिया में , वायु अंदर लेते तथा बाहर निकालते समय , फेफड़े फैलते और सिकुड़ते हैं ।
❍ घर्षण :- वस्तुओं की गति की अवस्था में परिवर्तन घर्षण बल के कारण होता है।
○ घर्षण बल सभी गतिशील वस्तुओं पर लगता है।
○ इसकी दिशा सदैव गति की दिशा के विपरीत होती है।
○ घर्षण बल दो सतहों के बीच सम्पर्क के कारण उत्पन्न होता है।
जैसे- साइकिल चलाते समय पेडल चलाना पड़ता हैं।
❍ असम्पर्क :- दो वस्तुओं के बीच आकर्षण (खींचना) अथवा प्रतिकर्षण (धक्का देना) के रूप ने देखा जा सकता है।
○ चुंबकीय बल :- दो चुंबकों को समीप लाने पर गति करने लगता है।
• चुंबक द्वारा किसी लोहे के टूकड़े पर लगाया गया बल असम्पर्क बल है।
○ स्थिरवैधुत बल :- एक आवेशित वस्तु द्वारा किसी दूसरी आवेशित अथवा अनावेशित वस्तु पर लगाया गया बल स्थिरवैधुत बल कहलाता है।
उदाहरण – स्ट्रॉ
○ गुरुत्वाकर्षण बल :- विश्व में सभी वस्तुएँ , चाहे वे छोटी हों या बड़ी हो , एक दूसरे के ऊपर बल लगाती है। यह गुरुत्वाकर्षण बल कहलाता है।
○ गुरुत्व बल :- वस्तुएँ पृथ्वी की ओर इसलिए गिरती हैं क्योंकि यह उन्हें अपनी ओर आकर्षित करती हैं।
○ गुरुत्वाकर्षण की खोज :- न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण का पता लगाने की घटना , 350 वर्ष पुरानी हैं ,वर्ष 1726 की वसंत में एक दिन एक सेब के पेड़ की छाया में न्यूटन ने उन्हें इस घटना के बारें में बताया ,न्यूटन बैठे सोच रहे थे ,जब एक सेब गिरा।
❍ दाब :- किसी पृष्ठ के प्रति एकांक क्षेत्रफल पर लगने वाले बल को दाब कहते हैं।
बल
दाब = —————————–
क्षेत्रफल जिस पर लगता है।
○ कुली अपने सिर के ऊपर गोल कपड़ा लपेट कर रखते है जिससे उनके शरीर से बोझ के सम्पर्क क्षेत्रफल को बढ़ा देते है। अतः उनके शरीर पर लगने वाला दाब कम हो जाता है।
○ द्रव्य बर्तन की दीवारों पर दाब डालते है।
जैसे – पानी की पाइप से लीक होने पर फुव्वारों का निकलना।
○ गैसों जिस पर बर्तन में रखी जाती हैं उसकी दीवारों पर दाब डालती है।
जैसे – साइकिल की ट्यूब में गैस भरी जाती हैं।
○ वायुमंडलीय दाब :- वायु द्वारा लगाए गए दाब को वायुमंडलीय दाब कहते हैं।
• वायुमंडलीय वायु पृथ्वी के तल से कई किलोमीटर ऊपर तक फैली हुई हैं।
अध्याय 12 घर्षण | Friction