नई शिक्षा नीति 2020 क्या है ? पाठ्यक्रम की रूपरेखा उद्देश्य , विशेषताएँ , शिक्षक , विद्यार्थी स्कूल ।

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New Education Policy 2020

नई शिक्षा नीति क्या है ? पाठ्यक्रम की रूपरेखा उद्देश्य , विशेषताएँ , शिक्षक , विद्यार्थी , स्कूल ।

1.नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 क्या है।

2. NEP 2020 में पाठ्यक्रम की रूपरेखा क्या है।

3. NEP 2020 के मुख्य उद्देश्य क्या है।

4. नई शिक्षा नीति 5+3+3+4 क्या है।

5. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के मुख्य बिंदु ।

6. नई शिक्षा नीति 2020 के प्रमुख बिंदु PDF

7. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्य

8. राष्ट्रीय शिक्षा नीति की विशेषताएं

9. नई शिक्षा नीति का पैटर्न क्या है?

10. 5 -3- 3- 4 संरचना क्या है? नई शिक्षा नीति में 5 प्लस 3 प्लस 3 प्लस 4 का मतलब क्या है?

 

पहली शिक्षा नीति 1968 फिर 1986 में दूसरी शिक्षा नीति और अब तीसरी बार 2020 शिक्षा नीति में बदलाव हुआ है। नई शिक्षा नीति 2020 का उद्देश्य भारत के युवाओं को समावेशी और समान गुणवत्ता वाली शिक्षा सुनिश्चित करना है। यह भारत की 21 वीं सदी की पहली शिक्षा नीति है जो कि योजनाबद्ध और चरणबद्ध तरीके से पूरे देश मे लागू की जा रही है। नई शिक्षा नीति का मसौदा इसरो के प्रमुख रह चुके ” डॉ. के. कस्तूरीरंगन ” की अध्यक्षता में तैयार किया गया है।

★ नई शिक्षा नीति 2020 :- भारत में पहली शिक्षा नीति 1968 में बनाई गई थी। उसके बाद दूसरी शिक्षा नीति 1986 में बनाई गई थी। और अब नई शिक्षा नीति का मसौदा इसरो के प्रमुख रह चुके ” डॉ. के. कस्तूरीरंगन ” की अध्यक्षता में तीसरी शिक्षा नीति 2020 तैयार किया गया है। जिसमें शिक्षा के क्षेत्र में कई बदलाव किया गया है। वही हाल ही में ‘ मानव संसाधन प्रबंधन ‘ ने शिक्षा नीति में बदलाव के साथ-साथ अपने मंत्रालय का नाम भी बदल दिया है , मानव संसाधन को अब ” शिक्षा मंत्रालय “, के नाम से जाना जाएगा।

★ 5+3+3+4 के फार्मूला :- नई शिक्षा नीति के नए फार्मूले के चार चरणों को बाँटा गया है।

 

1. फाउंडेशन स्टेज :- नई शिक्षा नीति के फाउंडेशन स्टेज में 3 से 8 साल तक के बच्चों को सम्मिलित किया गया है। जिसमें 3 साल की प्री स्कूली शिक्षा को सम्मिलित किया गया है जिसके अंतर्गत छात्रों का भाषा कौशल तथा शैक्षिक स्तर का मूल्यांकन किया जाएगा और उसके विकास में ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

2.प्रीपेटरी स्टेज :- इस स्टेज में 8 से 11 साल के बच्चों को सम्मिलित किया गया है जिसमें 3 से कक्षा 5 तक के बच्चे होंगे। नई शिक्षा नीति के इस स्टेज में छात्रों का संख्यात्मक कौशल को मजबूत करने पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा वहीं सभी बच्चों को क्षेत्रीय भाषा का भी ज्ञान दिया जाएगा।

3. मिडिल स्टेज :- इस स्टेज के भीतर छठवीं से आठवीं कक्षा तक के बच्चों को सम्मिलित किया गया है जिसमें छठवीं कक्षा के बच्चों से से ही कोडिंग सिखाना शुरू की जाएगा । वही सभी बच्चों को व्यवसायिक परीक्षण के साथ-साथ व्यवसाय इंटर्नशिप के अवसर भी प्रदान किए जाएंगे ।

 

4. सेकेंडरी स्टेज : – इस स्टेज में आठवीं कक्षा से 12वीं कक्षा तक के छात्रों को सम्मिलित किया गया है। इस स्टेज के भीतर आठवीं से 12वीं कक्षा के शैक्षिक पाठ्यक्रम को भी खत्म करके बहु वैकल्पिक शैक्षिक पाठ्यक्रम को शुरू किया गया है। छात्र किसी निर्धारित स्ट्रीम के भीतर नहीं बल्कि अपनी मनपसंद के अनुसार अपने विषयों को चुन सकते हैं। नई शिक्षा नीति के अंतर्गत छात्रों को विषयों को चुनने को लेकर स्वतंत्रता दी गई है , छात्र साइंस के विषयों के साथ-साथ आर्ट्स या कॉमर्स के विषय को भी एक साथ पढ़ सकते हैं।

 

 

★ नई शिक्षा नीति के कुछ प्रमुख सिद्धांत

● शिक्षा को लचीला बनाना

● सभी बच्चों की क्षमता की पहचान एवं क्षमता का विकास करना।

● साक्षरता और संख्यामकता के ज्ञान को बच्चों के तहत विकसित करना

● बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को विकसित करना

● सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली में निवेश करना

● भारतीय संस्कृति से बच्चों को जोड़ना

● शिक्षा नीतियों में पारदर्शिता लाना

● बच्चों को सुशासन का ज्ञान प्रदान करना एवं उनका सशक्तिकरण करना

● तकनीकी यथासंभव उपयोग पर अधिक जोर देना

● अनेक प्रकार की भाषाएं सिखाना

● बच्चों की सोच को रचनात्मक बनाना और तार्किक करना

● मूल्यांकन पर जोर देना

 

 

★ नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) का उद्देश्य :-

भारत को वैश्विक स्तर पर शैक्षिक रूप से महाशक्ति बनाया जाए और भारत में शिक्षा का सार्वभौमिकरण कर शिक्षा की गुणवत्ता को उच्च किया जाए। इस नई पॉलिसी से पुरानी एजुकेशन पॉलिसी को बदला जाएगा जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा और बच्चे भी अच्छी शिक्षा प्राप्त करके अपना जीवन उज्जवल बना पाएंगे।इस योजना का मुख्य उद्देश्य है कि बच्चों तकनीकी तथा रचनात्मक के साथ-साथ शिक्षा का महत्व समझाना तथा उन्हें अपने आने वाले कल के लिए पूर्ण रूप से तैयार करना जिससे उनके अंदर सशक्तिकरण व मनोबल बना रहे

 

★ नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) के तहत पाठ्यक्रम :-

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत पाठ्यक्रम में भी कमी की गई है, अब पाठ्यक्रम उतना कर दिया गया है जितना बच्चों के लिए अनिवार्य है। इस पाठ्यक्रम को कम करने का लक्ष्य था कि क्रिटिकल थिंकिंग पर ज्यादा ध्यान दिया जाए और टेक्नोलॉजी के माध्यम से जैसे कि टीवी, चैनल, ऑनलाइन बुक एप यानी ई लर्निंग को बढ़ावा दिया जाए।

 

★ नई शिक्षा नीति (NEP) की मुख्य विशेषताएं :-

● नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत शिक्षा का सार्वभौमीकरण किया जाएगा।

● National Education Policy के अंतर्गत पहले 10+2 का पैटर्न फॉलो किया जाता था|

● जिसे बदलकर अब 5+3+3+4 का पैटर्न फॉलो किया जाएगा।

● पांचवी कक्षा तक शिक्षा मातृभाषा या फिर क्षेत्रीय भाषा में प्रदान की जाएगी।

● छठी कक्षा में व्यवसायिक परीक्षण इंटरशिप दी जाएगी।

● पहले साइंस कॉमर्स तथा आर्ट्स स्ट्रीम हुआ करती थी अब ऐसी कोई भी स्ट्रीम नहीं होगी|

● छात्र अपनी इच्छा के अनुसार ही सब्जेक्ट का चयन करेंगे।

● अब छात्रों को छठी कक्षा में ही कोडिंग सिखाई जाएगी।

● सभी प्रकार के इ कंटेंट को क्षेत्रीय भाषा में ट्रांसलेट किया जाएगा।

● वर्चुअल लैब का भी निर्माण किया जाएगा

● मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय का नाम बदलकर आप शिक्षा मंत्रालय रखा गया है।

 

★ नई शिक्षा नीति :-

नेशनल एजुकेशन पालिसी में शिक्षकों की गुणवत्ता का स्तर और ऊपर उठाने के लिए कई प्रावधान किए गए हैं। नेशनल एजुकेशन पालिसी व्यवस्था में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के स्वरूप में भी बदलाव होंगे। अभी तक टीईटी परीक्षा दो हिस्सों में बंटी हुई थी- पार्ट 1 और पार्ट 2। लेकिन अब स्कूली शिक्षा व्यवस्था का स्ट्रक्चर चार हिस्सों में बंटा होगा – फाउंडेशन, प्रीपेरेटरी, मिडल और सेकेंडरी। इसी के आधार पर टीईटी का पैटर्न भी सेट किया जाएगा। विषय शिक्षकों की भर्ती के समय टीईटी या संबंधित सब्जेक्ट में एनटीए टेस्ट स्कोर भी चेक किया जा सकता है। सभी विषयों की परीक्षाएं और एक कॉमन एप्टीट्यूट टेस्ट का आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) करेगा।

 

★ नई शिक्षा नीति 2023 :- स्ट्रीम्स

National Education Policy के अंतर्गत छात्रों को अब कोई एक स्ट्रीम नहीं चुननी होगी। अब छात्र आर्ट स्ट्रीम के साथ साइंस स्ट्रीम भी पढ़ सकते हैं, साइंस स्ट्रीम के साथ आर्ट्स स्ट्रीम भी पढ़ सकते हैं। प्रत्येक विषय को अतिरिक्त पाठ्यक्रम ना मान के पाठ्यक्रम के रूप में देखा जाएगा जिसमें योग, खेल, नृत्य, मूर्तिकला, संगीत आदि शामिल है। एनसीईआरटी पाठ्यक्रमों को राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा के अनुसार तैयार करेगी। शारीरिक शिक्षा को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। वोकेशनल तथा एकेडमिक स्ट्रीम को अलग नहीं किया जाएगा जिससे कि छात्रों को दोनों क्षमताओं को विकसित करने का मौका मिले।

 

 

◆ B.Ed अब 4 साल का

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2021 के अंतर्गत बीएड को 4 साल का कर दिया गया है। 2030 के अंत तक शिक्षक की न्यूनतम योग्यता 4 साल का बी एड प्रोग्राम होगी। सभी स्टैंडअलोन शिक्षण संस्थान जो निर्धारित मानकों का पालन नहीं करेंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

 

◆ वोकेशनल स्टडीज पर फोकस

हमारे देश में वोकेशनल स्टडी सीखने वाले छात्र 5% से भी कम है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए नई शिक्षा नीति के अंतर्गत कक्षा छठी से कक्षा आठवीं तक के छात्रों को वोकेशनल स्टडीज सीखने पर ध्यान दिया जाएगा। जिसमें बागबानी, लकड़ी का काम, मिट्टी के बर्तन, बिजली का काम आदि शामिल है। 2025 के अंत तक नई शिक्षा नीति के अंतर्गत कम से कम 50% छात्रों को वोकेशनल स्टडीज पढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

 

◆ मातृभाषा या फिर क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा

जैसे कि सभी लोग जानते हैं कि बच्चों को यदि उनकी मातृभाषा या फिर क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाया जाए तो वह बात को ज्यादा आसानी से समझ पाएंगे। इसी बात को ध्यान में रखते हुए नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2023 के अंतर्गत पांचवी कक्षा तक बच्चों को उनकी मातृभाषा या फिर क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाने का प्रावधान रखा गया है। अब शिक्षकों को पांचवी कक्षा तक बच्चों को उनकी मातृभाषा या फिर क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा प्रदान करनी होगी। पाठ्य पुस्तकों को भी क्षेत्रीय भाषा में उपलब्ध कराना का प्रयास किया जाएगा और यदि पाठ्यपुस्तक क्षेत्रीय भाषा में उपलब्ध नहीं है तो इस स्थिति में बच्चों और शिक्षक के बीच बातचीत का माध्यम क्षेत्रीय भाषा होगा। कक्षा एक से बच्चों को दो से तीन भाषाएं सिखाई जाएंगी।

 

◆ शिक्षकों की भर्ती

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2023 के अंतर्गत यदि दी गई भाषाओं को बोलने वाले शिक्षकों की कमी है। इस स्थिति में विशेष तौर से प्रयास किए जाएंगे की दी गई भाषाओं को बोलने वाले शिक्षकों को भर्ती कि जाए। जिसके अंतर्गत रिटायर हुए शिक्षकों को भी दोबारा से बुलाया जा सकता है।

 

◆ विदेशी भाषा सिखाई जाने पर भी जोर
माध्यमिक विद्यालय में बच्चे अपने पसंद की विदेशी भाषा भी सीख सकते हैं। जिसमें फ्रेंच, जर्मन, स्पेनिश, चाइनीस, जैपनीज आदि होंगी। यह सभी प्रयास भारत की शिक्षा को वैश्विक तौर पर पहचान बनाने का एक प्रयास है।

 

◆ बोर्ड परीक्षाएं हुई आसान (Board Exams Easier)
छात्र दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षा को लेकर अक्सर तनाव में रहते हैं और हमेशा विषयों को रटने में लगे रहते है परन्तु नई शिक्षा नीति के तहत बोर्ड परीक्षाओं को आसान बनाने की पूरी कोशिश की गई है।

◆ विषयों की सीमा समाप्त (Subject Limit Reached)
नई शिक्षा नीति में विषयों की सीमा को समाप्त कर दिया गया है, अभी तक 10वीं के बाद छात्र को आर्ट, कामर्स या साइंस किसी एक स्ट्रीम को लेना होता था और साइंस का छात्र कामर्स नहीं पढ़ सकता था| अब ऐसा नहीं होगा, कोई भी अपनी इच्छानुसार विषयों का चयन कर सकता है|

 

◆ विदेशी भाषा सिखानें पर विशेष ध्यान (Learn Foreign Languages)
वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनानें के लिए नई शिक्षा नीति के तहत छात्रों को विदेशी भाषाये सिखाई जाएँगी, जिसमें स्पेनिश, चाइनीज़, फ्रेंच, जैपनीज आदि शामिल होंगी|

◆ कौशल विकास पर विशेष ध्यान (Emphasis On Skill Development)
नई शिक्षा नीति के अंतर्गत बच्चों को कक्षा 6 से कोडिंग और आदि की तकनीकी शिक्षा दी जाएगी ताकि बच्चे आगे चलकर सॉफ्टवेयर, एप आदि बना सके| इससे सबसे बड़ा लाभ यह होगा, यदि कोई छात्र किसी कारणवश उच्च शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाता है अथवा नौकरी नहीं मिल पाती है, तो वह अपना स्वयं का व्यवसाय कर सकता है|

 

★ प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल:-

नई शिक्षा नीति के तहत 6 वर्ष की आयु तक के बच्चों पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करने पर प्रावधान रखा गया है। क्योंकि एक शोध के अनुसार बच्चों के दिमाग का 85% विकास 6 वर्ष की आयु तक हो जाता है। इस दशा में बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए आरंभिक 6 वर्ष अधिक महत्वपूर्ण होते हैं। इसलिए अब इस योजना के माध्यम से6 वर्ष की आयु तक के बच्चों पर खास ध्यान दिया जाएगा। ताकि इन बच्चों का संपूर्ण रूप से विकास हो सके।

★ विशेष प्रतिभा वाले और मेधावी विद्यार्थियों को प्रोत्साहन :-
नई शिक्षा नीति के तहत छात्रों की प्रतिभाओं की पहचान की जाएंगी। साथ ही उनकी प्रतिभा को बढ़ावा दिया जाएगा और उनका विकास भी किया जाएगा। इसके अलावा छात्रों को भी अपनी प्रतिभा एवं रुचि की पहचान करने में भी सहायता प्रदान की जाएगी। शिक्षकों द्वारा बच्चों को मार्गदर्शन एवं प्रोत्साहन दिया जाएगा। इस योजना के माध्यम से बच्चों की प्रतिभा को और निखारा जाएगा।

 

★ गुणवत्तापूर्ण विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय :-

आज के समय में देश की बेरोजगारी दर घटाने के लिए उच्च शिक्षा को बढ़ावा देना अत्यधिक आवश्यक है। इसलिए विश्वविद्यालयों की शिक्षा प्रणाली में गुणवत्ता लाने के लिए नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के माध्यम से अनेक प्रकार के प्रयास किए जाएंगे। ताकि युवाओं का सम्रग विकास किया जा सके। बहु विषयक विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों के माध्यम से नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत बच्चों को उच्चतर शिक्षा प्रदान की जाएगी।

 

★ National Education Policy के अंतर्गत STARS योजना

केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत एक नई STARS योजना के कार्यान्वयन को मंजूरी दे दी है। इसका लक्ष्य है कि राज्यों को मजबूत बनाने के लिए शिक्षण अधिगम और परिणाम प्रदान किया जाए। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 5718 करोड़ परियोजना लागत के साथ स्टार्स परियोजना शुरू करने का निर्णय लिया है। इस राशि में से 3700 करोड रुपए विश्व बैंक द्वारा दिए जाएंगे। इस परियोजना को नई शिक्षा नीति की नई अवधारणा को केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में लागू किया जाएगा। इसका कार्यान्वयन शिक्षा मंत्रालय के स्कूली विभाग द्वारा किया जाएगा। इसमें एक स्वतंत्र और स्वायत्त संस्थान के रूप में एक राष्ट्रीय मूल्यांकन केंद्र परख की स्थापना शामिल होगी।

 

 

★ NEP 2020 के तहत STARS योजना 2022 में शामिल होने वाले राज्य

स्टार्स योजना के तहत चिन्हित राज्यों को शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए विभिन्न हस्तक्षेपों के ने समर्थन दिया जाएगा। स्टार्स योजना में छह भारतीय राज्यों को शामिल किया गया है जो कि कुछ इस प्रकार है

● हिमाचल प्रदेश
● राजस्थान
● महाराष्ट्र
● मध्य प्रदेश
● केरला
● उड़ीसा

 

 

 

 

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