∆ औद्योगिक संभावनाएं :–
राज्य क्षेत्र के विभिन्न जिलों को भविष्य के औद्योगिक संभावनाओं के आधार पर चार श्रेणियों में बांटा गया है ।
•विशिष्ट श्रेणी :– जयपुर ।
•ए, क्षेणी :– दौसा ,अलवर, भीलवाड़ा, जोधपुर , राजसमंद, उदयपुर ,बारां, कोटा, अजमेर एवं पाली ।
•बी, छेड़ी :– झुंझुनू ,सीकर, नागौर, बांसवाड़ा ,टोंक ,बीकानेर, भरतपुर ,गंगानगर ,सवाई माधोपुर एवं चित्तौड़गढ़ ।
• सी , श्रेणी :– धौलपुर ,डूंगरपुर , सिहोरी , बूंदी, झालावाड़ , बाड़मेर, जैसलमेर, जालौर, एवं चुरू।
राज्य में औद्योगिक विकास में कायर्यत संस्थाएं :–
° नाम। स्थापन
1. राजस्थान। = 28 मार्च,
राज्यऔद्योगिक 1969
विकास एवं
विनियोजन (RIICO)
2. राजस्थान वित्त = 1955
निगम (RFC)
3. राजस्थान राज्य = 1961
लघु उद्योग निगम
(RAJSICO)
4. राजस्थान राज्य =1979
खनिज विकास
निगम (RSMDC)
5. राजस्थान राज्य = 1956
खान एवं खनिज
निगम लिमिटेड
(RSMMCL)
6. राजस्थान =1978
कन्सलटेन्सी
आर्गनाइजेशन
लिमिटेड (RAJCON)
∆लघु एवं कुटीर उद्योग : एक नजर में
°कृषि आधारित लघु एवं कुटीर उद्योग:–
•लघु एवं संबंधित जिले
कुटीर उत्पाद
1.तेलघनी उद्योग = गंगानगर, जयपुर ,भरतपुर ,सवाई माधोपुर, बारां, कोटा, बूंदी ,अजमेर एवं पाली, भरतपुर,( इंजन छाप तेल)
2. गुड एवं खांडसारी = गंगानगर, उदयपुर ,भीलवाड़ा, झालावाड़ ,कोटा , टोक, बूंदी एवं सवाई माधोपुर
3. आटा पिसना = गंगानगर, अलवर ,भरतपुर ,कोटा, उदयपुर, बूंदी, पाली ,टोंक ,अजमेर, भीलवाड़ा ,एवं धौलपुर आदि
4. दाल = अजमेर, कोटा, उदयपुर, गंगानगर ,पाली, भीलवाड़ा ,अलवर ,भरतपुर, व टोक आदि
5. हथकरघा उद्योग = कोटा– मसूरिया साड़ी, जोधपुर एवं जयपुर चुनरी ,उदयपुर एवं जयपुर – पगड़ी एवं पेंच गोविंदपुर ,करौली, जालौर– तैयार वस्त्र
6.बधाई , छपाई एवं रंगाई = रंगाई – पाली , संगमनेर कोटा, बंधोज –जोधपुर ,जयपुर ,कोटा, उदयपुर नागौर, छपाई –जयपुर, जोधपुर ,भरतपुर ,चित्तौड़गढ़,
7. गोटा उद्योग = जयपुर, अजमेर आदि
8. ग्वार गम = जयपुर ,अजमेर
∆पशु आधारित लघु एवं कुटीर उद्योग:–
°लघु एवं कुटीर = संबंधित जिले
1. हड्डी पीसना = जयपुर जोधपुर कोटा एवं घोसुंडा
2. हाथी दांत = जयपुर, पाली एवं जोधपुर
3. जैन उद्योग = जोधपुर, जयपुर, भीममाल एवं बीकानेर
4. ऊनी वस्त्र उद्योग = बीकानेर, चूरू लाडनूँ , जैसलमेर व जयपुर