विधान मंडल :- प्रदेश में द्विसदनीय विधानमंडल हैं (1) विधानसभा (2) विधान परिषद |
विधान सभा :- लोकप्रिय सदन विधान सभा कहलाता है | इसमें 403 सदस्य निर्वाचित होते हैं | राज्य को 403 निर्वाचन क्षेत्र में विभाजित किया गया है विधानसभा अपने सदस्यों में से 2 सदस्यों को अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुनती होती है |
विधान परिषद :- इसमें 99 + 1 = 100 ( एक एंग्लो इंडियन ) सदस्य है |
1/3 सदस्य विधानसभा से 1/3 सदस्य स्थानीय संस्थाओं से 1/12 सदस्य 3 वर्ष के अध्यापन अनुभव के अध्यापकों में से तथा 1/12 सदस्य 3 3 वर्ष के उपरांत स्नातकों द्वारा निर्वाचित होते हैं
शेष 1/6 सदस्यों को राज्यपाल मनोनीत करता है
व्यवस्थापिका संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य
* राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा होती है तथा वह राष्ट्रपति की इच्छा पर्यंत अपने पद पर बना रहता है
* राज्यपाल का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है
* राज्यपाल पद पर नियुक्ति के लिए 35 वर्ष की आयु अनिवार्य होती है
* राज्यपाल प्रदेश के मुख्यमंत्री की नियुक्ति करता है तथा मुख्यमंत्री कि साला आंख से व अन्य मंत्रियों की नियुक्ति करता है
* राज्यपाल विधानसभा को भंग कर सकता है
* यदि विधानसभा में आंगल भारतीय जाति का उचित प्रतिनिधित्व ना हुआ तो इस वर्ग के व्यक्ति को राज्यपाल नामजद कर सकता है
* विधानसभा में धन विधेयक राज्यपाल की सिफारिश के बिना प्रस्तुत नहीं किया जा सकता
* प्रदेश में राष्ट्रपति राज्यपाल के परामर्श से राष्ट्रपति शासन लागू करता है
* प्रदेश में राष्ट्रपति शासन के दौरान राज्यपाल राष्ट्रपति के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करता है
* मुख्यमंत्री प्रदेश के मंत्री परिषद का मुखिया कहलाता है
* मुख्यमंत्री प्रदेश में मंत्रियों के प्रशासकीय विभागों का वितरण करता है
* लोकायुक्त व उप लोकायुक्त का कार्यकाल 8 वर्ष का होता है
* प्रदेश के प्रथम लोकायुक्त श्री विशंभर दयाल थे इन्हें 14 सितंबर 1977 को नियुक्त किया गया था
* उत्तर प्रदेश में 18 संभाग है
न्यायपालिका :- दीवानी व फौजदारी के मामलों में संबंधित प्रदेश में एक उच्च न्यायालय है प्रदेश का उच्च न्यायालय इलाहाबाद में है इसकी खंडपीठ लखनऊ में है तथा एक अन्य खंडपीठ की स्थापना के लिए विचार किया जा रहा है उच्च न्यायालय के दिन प्रदेश के जिला न्यायालय व अन्य न्यायालय हैं
उच्च न्यायालय :- उत्तर प्रदेश में उच्च न्यायालय की स्थापना 1966 में इलाहाबाद में हुई थी उच्च न्यायालय में न्यायाधीश की नियुक्ति राष्ट्रपति भारत के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश तथा प्रदेश के राज्यपाल के परामर्श से करता है अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति भारत के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश तथा राज्यपाल के दिल प्रदेश के मुख्य न्यायाधीश के परामर्श से करता है राज्यपाल इस संबंध में ही यह भी निश्चित कर सकता है कि कुछ नियुक्तियां प्रदेश लोक सेवा आयोग की सिफारिश पर हो प्रदेश उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश 62 वर्ष की आयु तक अपने पद पर रह सकता है |
न्याय व्यवस्था संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य
* उत्तर प्रदेश में उच्च न्यायालय की स्थापना 1866 इलाहाबाद में हुई थी|
* उच्च न्यायालय में न्यायाधीश की नियुक्ति राष्ट्रपति भारत के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश तथा प्रदेश के राज्यपाल के परामर्श से करता है
* इलाहाबाद उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ लखनऊ में स्थापित है
* उच्च न्यायालय का अधिकार क्षेत्र दो प्रकार का होता है |
* (क) न्याय संबंधित और (ख) प्रबंध संबंधित
* प्रदेश के प्रत्येक जिले के लिए सबसे बड़ा न्यायालय जिला व सेशन कोर्ट होता है इसका प्रधान जिला जज व सेशन जज होता है इस न्यायालय का न्यायाधीश जब दीवाने के मुकदमे सुनता है तो वह जिला जज कहलाता है और जब वह फौजदारी के मुकदमे सुनता है तो व्यस्त सेशन जज कहलाता है
* प्रदेश में उच्च न्यायालय के अधीन तीन प्रकार के न्यायालय हैं :
(1) दीवानी न्यायालय (2) फौजदारी न्यायालय (3) माल संबंधित न्यायालय
* उच्च न्यायालय के अधीन सबसे बड़ा न्यायालय जिला न्यायालय है जिसके न्यायाधीश को जिला न्यायाधीश कहते हैं
* जिला न्यायाधीश के अधीन सिविल जज तथा मुंसिफ होते हैं |
* दीवानी अदालतों के क्षेत्र में उच्च न्यायालय के दिन चेंज होता है जिसकी सहायता के लिए अतिरिक्त जजों की नियुक्ति की जाती है|
* माल के क्षेत्र में उच्च न्यायालय के लिए सबसे बड़ी अदालत राजस्व परिषद है जिसके अधीन कमिश्नर जिलाधीश तहसीलदार तथा नायब तहसीलदार आदि की अदालतें हैं
* प्रदेश के प्रत्येक जिले में एक जिला न्यायाधीश के न्यायालय है दीवानी संबंधित न्यायालय में जिले के अंतर्गत यह न्यायालय सबसे बड़ा होता है इसका अधिकारी जिला न्यायाधीश कहलाता है
* 10 फरवरी, 1996 से प्रदेश में विशेष महिला अदालतें स्थापित की गई हैं
* उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग का मुख्यालय इलाहाबाद में स्थित है
* प्रदेश लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष 2 वर्ष की आयु तथा 6 वर्ष तक अपने पद पर कार्य कर सकता है