हरियाणा के प्रमुख मंदिर और धार्मिक स्थल (Temples and Religious Places in Haryana GK)
1. ब्रह्म सरोवर- थानेसर (कुरूक्षेत्र)
• वामनपुराण में कहा गया है।कि इस सरोवर को राजा कुरू ने खुदवाया था कुरूक्षेत्र की मिट्टी से विश्व बनाया।
• ये सरोवर चारों ओर से पक्का है और यहां पर सूर्य ग्रहण का मेला लगता है।
• अलबरूनी की किताब-उल हिंद में इस सरोवर का जिक्र है।
2. ज्योतिसर – कुरूक्षेत्र
• यह सरस्वती नदी के किनारे कुरूक्षेत्र – पेहोवा मार्ग पर है।
• यहां श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था।
• इसका संबंध महाभारत में मारूत औरपदमपुराण में दधीचि से बताया गया है।
• महाभारत दरभंगा ने इसके चारों ओर पक्के चबुतरे का निर्माण करवाया था,इसकी लम्बाई 1000 फुट व चौड़ाई 500 फुट है।
• यहां अक्षय वट वृक्ष नामक प्राचीन बरगद का पेड़ है।
3. मारकणडेय तीर्थ – शाहबाद (कुरूक्षेत्र)
• यह कुरूक्षेत्र से पिपली जाने वाली सड़क पर सरस्वती नदी केतट पर स्थित है।
• इस तीर्थ का संबंध भगवान शिवजी के बहुत बड़े भक्त थे जिनका 16 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था बताया जाता है कि इस स्थान पर भगवान शिवजी अपने भक्त की जान बचाने के लिए यमराज से भीड़ गए थे।
4. सन्निहित तीर्थ -थानेसर (कुरूक्षेत्र)
• यह कुरुक्षेत्र – पेहवा मार्ग पर है।
• इसका संबंध भगवान्-विष्णु से है। इस सरोवर में अमावस्या की रात स्नान करना बहुत पावन बताया जाता है। यहां पर भक्त पिण्ड दान एवं पित्रों की इच्छापूर्ति के लिए आते हैं।
• रावण ने भगवान शंकर की पूजा यही पर की थी।
5. कार्तिके मंदिर- पेहोवा (कुरूक्षेत्र)
• इसका संबंध स्कंद पुराण से है।
6.देवीकूप – थानेसर (कुरूक्षेत्र)
• यह मंदिर – मॅं भद्रकाली (भहकाली) से संबंधित है।
• यहाॅं श्री कृष्ण ने गीता पढ़ी थी।
7. प्राची तीर्थ – कुरूक्षेत्र
• यह भहकाली व कुबेर तीर्थ के पास है।
• यहाॅं पितृ-तर्पण किया जाता है।
• कहा जाता है कि देवव्रत (भीष्म पितामह) की माता के पाप इसी स्थान पर स्नान करने से दूर हुए थे।..
8. वाल्मिकी आश्रम – थानेसर (कुरूक्षेत्र)
• यह आश्रम रामायण का पाठदेने के लिए बनाया गया।
• यहाॅं बाबा लक्ष्मण गिरी महाराज ने जीवित समाधि ली थी।
• यहाॅं एक खास झंडा है जिसका नाम निशान साहिब है।
9. अदिति मंदिर – अमीन (कुरूक्षेत्र)
• यहाॅं अभिमन्यु का किला है।
Temples and Religious Places in Haryana GK
10. स्थानेश्वर मंदिर – थानेसर (कुरूक्षेत्र)
• इसका निर्माण पुष्यभूति ने कराया था परन्तु पुनः निर्माण सदाशिव राव ने कराया था।
• यहाॅं पांडवों व श्री कृष्ण दोनों ने जीत के लिए पूजा की थी।
11. काली कमली वाले का डेरा – कुरूक्षेत्र
• यह श्री स्वामी विशुद्धानंद जी महाराज द्वारा स्थापित किया गया था।
• यहाॅं श्री कृष्ण, अर्जुन व भगवान शंकर की मूर्तियॅं है।
12. कमलनाथ तीर्थ – कुरूक्षेत्र
• माना जाता है की ब्रह्मा यहाॅं प्रकट हुए थे। भगवान विष्णु के नाभिक से ब्रह्मा की उत्पत्ति का वर्णन पुराणों में भी है।
13. कालेश्वर तीर्थ – पेहवा (कुरूक्षेत्र)
• यहाॅं भगवान शिव का मंदिर है।
• पुराणों के अनुसार यह 11 रुद्रों में से एक है क्योंकि यहाॅं रावण ने भगवान रुद्र स्थापना की थी।
14. बिड़ला मंदिर –
• यह मंदिर भगवान श्री कृष्ण से संबंधित है।
• यह ब्रह्म सरोवर के पास है, इसके किनारे जन्माष्टमी मनाई जाती है।
• इसका निर्माण 1952 में जुगल किशोर बिड़ला ने करवाया था।
• यहाॅं गीता के श्लोक अंकित है।
15. चन्द्रकुप – कुरूक्षेत्र
• यह धर्मराज युधिष्ठिर ने महाभारत के बाद बनवाया था।
16. नरकतारी (अनरक ) तीर्थ -थानेसर (कुरूक्षेत्र)
• इसे भीष्म कुण्ड भी कहते है
• यहाॅं एक बहुत गहरा कुंड है जिसे बाण गंगा कहा जाता है।
17. कमोधा – कुरूक्षेत्र
• यहाॅं कामेश्वर महादेव का ईटो का मंदिर है।
• यही पर ईंटों का छोटा सा द्रौपदी भण्डार भी है, जहाॅं द्रौपदी ने पाण्डवों के लिए खाना बनाया था।
18. गौडीया मठ – कुरूक्षेत्र
• यह मठ चैतन्य महाप्रभु के समय का है। यहाॅं बंगाली साधु रहते है।
• यहाॅं राधा-कृष्ण की मूर्तियाॅं है।
• कीर्तन शैली- चैतन्य महाप्रभु की देंन
19. बाणगंगा- कुरूक्षेत्र
• यह थानेसर- ज्योतिसर मार्ग पर है।
• कहा जाता है कि यहाॅं अर्जुन ने धरती में तीर मारकर गंगा निकाली और उसकी जलधारा शर -शैय्य पर पड़े भीष्म पितामह के मुख तक पहुॅंची थी।
20. कुबेर तीर्थ- कुरूक्षेत्र
• यह कुरुक्षेत्र में सरस्वती नदी की किनारे है।
• जनश्रुति के अनुसार यहाॅं चैतन्य महाप्रभु की कुटिया भी विधामन है।
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