नदियाँ एवं सिंचाई | Rivers and Irrigation | MP GK

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☆ मध्य प्रदेश की प्रमुख नदियाँ व अपवाह प्रतिरूप

• नदियों का निश्चित वाहिकाओं में जल प्रवाह अपवाह कहलाता है। इन वाहिकाओं को अपवाह तन्त्र कहते हैं।
• एक मुख्य नदी एवं उसकी सहायक नदियाँ जिन क्षेत्रों से अपवाहित होती हैं, उसे अपवाह द्रोणी कहा जाता है।
• मध्य प्रदेश की अधिकांश नदियाँ ‘वृक्षाभ प्रतिरूप’ प्रस्तुत करती हैं। इसमें नदियों के अपवाह प्रतिरूप वृक्ष के तने के रूप में फैले होते हैं।
• नर्मदा एवं ताप्ती नदी अनुगामी अपवाह प्रतिरूप का उदाहरण प्रस्तुत करती हैं, जिसमें नदियाँ धरातल के स्वरूप का अनुसरण करती हैं।
• चम्बल नदी अध्यारोपित प्रतिरूप एवं सोन नदी कहीं-कहीं आयताकार प्रतिरूप में अपवाहित होती है।

राज्य की प्रमुख नदियों का विस्तृत विवरण निम्न प्रकार है

 

◇ नर्मदा नदी

• नर्मदा नदी का उद्गम अनूपपुर जिले में मैकाल श्रेणी की सबसे ऊंची चोटी अमरकण्टक से होता है।
• अमरकण्टक चोटी से नर्मदा नदी के साथ-साथ सोन नदी का भी उद्गम स्थल है।
• यह नदी पश्चिम की ओर बहती है। यह नदी डेल्टा नहीं बनाती अपितु एस्चुअरी बनाती है।
• नर्मदा नदी मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र तथा गुजरात में बहती हुई भड़ौच के निकट खम्भात की खाड़ी में गिरती है।
• यह राज्य की सबसे बड़ी तथा भारत की पाँचवीं सबसे बड़ी नदी है। इसे मध्य प्रदेश की जीवन रेखा भी कहा जाता है।
• इस नदी की कुल लम्बाई 1,312 किमी है, परन्तु राज्य में इसकी लम्बाई 1,077 किमी है।
• इस नदी का कुल जल प्रवाह क्षेत्र 93,180 वर्ग किमी है, जिसका 89.9% भाग राज्य में 6.5% भाग गुजरात तथा 2.7% भाग महाराष्ट्र में है।
• नर्मदा नदी के अन्य नाम रेवा, मैकाल सुता, सोगो देवी एवं नामोदास भी हैं। यह नदी राज्य के 15 जिलों से होकर बहती है।
• इस नदी की लगभग 41 सहायक नदियाँ हैं। यह नदी जबलपुर के निकट भेड़ाघाट पर धुआँधार जलप्रपात व महेश्वर के निकट सहस्रधारा जलप्रपात का निर्माण करती है।
• प्राचीन राज्य महेश्वर नर्मदा नदी पर स्थित था।
• वर्तमान जबलपुर, झाबुआ, ओंकारेश्वर मण्डला इत्यादि नगर स्थित हैं।

 

 

◇ चम्बल नदी

• चम्बल नदी का उद्गम इन्दौर जिले की महू तहसील की जनापाव पहाड़ी से होता है। यह नदी इटावा (उत्तर प्रदेश) के पास यमुना में मिल जाती है।
• प्राचीनकाल में इस नदी को धर्मावती (चर्मावती) के नाम से जाना जाता था तथा महाभारत में पूर्णा नदी कहा गया।
• इस नदी की सम्पूर्ण लम्बाई 965 किमी है। यह राज्य की दूसरी बड़ी बड़ी नदी है। यह नदी मध्य प्रदेश तथा राजस्थान की सीमा निर्धारित करती है तथा उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश एवं राजस्थान में बहती है।
• इस नदी की प्रमुख सहायक नदियाँ क्षिप्रा-सिन्ध, कुनो, बीहड़, काली सिन्ध, पार्वती तथा बनास हैं।
• बीहड़ नदी पर रीवा जिले में बनाया गया चचाई जलप्रपात प्रदेश का सबसे ऊँचा (130 मी) जलप्रपात है।
• चम्बल नदी कोटा जिले में भैसरोडगढ़ के निकट (18 मी ऊँचा) चूलिया जलप्रपात बनाती है।
• यह नदी मध्य प्रदेश के मुरैना एवं भिण्ड जिलों में अवनालिका अपरदन करती है।
• राज्य की प्रथम विद्युत परियोजना गाँधी सागर बाँध चम्बल नदी पर मन्दसौर में बनाई गई थी।

 

 

◇ सोन नदी

• सोन नदी का उद्गम अनूपपुर जिले में स्थित मैकाल श्रेणी की अमरकण्टक चोटी से हुआ है।
• इस नदी की कुल लम्बाई 780 किमी है। इस नदी के जल प्रवाह का कुल क्षेत्रफल 17,900 वर्ग किमी है।
• सोन नदी को स्वर्ण नदी, शोणभद्र तथा हिरण्य बाहु आदि अनेक नामों से भी जाना जाता है।
• यह राज्य के उत्तर-पूर्व में बहती हुई बिहार (दानापुर के पास) में गंगा नदी में मिल जाती है। यह नदी दक्षिण से उत्तर की ओर बहती है।
• सोन नदी मध्य प्रदेश के शहडोल, सीधी, उमरिया तथा उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में प्रवाहित होती है।
• जोहिला तथा रिहन्द इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ हैं। इस नदी पर बाणसागर परियोजना निर्मित है, जो शहडोल जिले में स्थित है।
• कछुओं की दुर्लभ प्रजातियाँ सोन नदी में पाई जाती हैं।

 

 

◇ ताप्ती नदी

• ताप्ती नदी राज्य के बैतूल जिले में सतपुड़ा श्रेणी पर स्थित मुल्ताई से निकलती है। महाभारत में इस नदी को सूर्य भगवान की पुत्री कहा गया है।
• यह नदी नर्मदा की भाँति पूर्व से पश्चिम की ओर भ्रंश घाटी में प्रवाहित होती है।
• ताप्ती नदी महाराष्ट्र से होती हुई गुजरात में सूरत के निकट खम्भात की खाड़ी में गिरती है।
• इसकी कुल लम्बाई 725 किमी तथा अपवाह क्षेत्र 17,900 वर्ग किमी है।
• ताप्ती नदी राज्य के बैतूल एवं खण्डवा जिलों में बहती है। पूर्णा (महाराष्ट्र) इस नदी की प्रमुख सहायक नदी है।

 

 

◇ बेतवा नदी

• इस नदी का उद्गम रायसेन जिले के कुमरा गाँव से होता है। यह नदी उत्तर प्रदेश में हमीरपुर जिले के निकट यमुना में मिलती है।
• इसकी कुल लम्बाई 480 किमी है। उत्तर पूर्व दिशा में बहने वाली यह नदी मध्य प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश की सीमा निर्धारित करती है।
• बेतवा नदी का प्राचीन नाम ‘वेत्रावती’ था। इसे प्रदूषणता के समान स्तर के कारण मध्य प्रदेश की गंगा भी कहा जाता है।
• इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ बीना, धसान, सिन्धु हैं। बेतवा की सहायक नदी बीना राहतगढ़ में थालकुण्ड जलप्रपात बनाती है।
• मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश की संयुक्त परियोजना केन-बेतवा लिंक परियोजना का निर्माण जारी है।
• बेतवा नदी पर माताटीला बाँध भी बनाया गया है।

 

 

◇ क्षिप्रा नदी

• इस नदी का उद्गम स्थल इन्दौर के निकट काकरी बरड़ी पहाड़ी से होता है। इसकी कुल लम्बाई 195 किमी है। इस नदी की दिशा उत्तर की ओर है।
• राज्य में यह नदी देवास, उज्जैन, रतलाम एवं मन्दसौर जिलों से होकर बहती हुई चम्बल नदी में मिलती है। इसकी प्रमुख सहायक नदी खान है।
• उज्जैन का प्रसिद्ध महाकालेश्वर मन्दिर व रामघाट क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित है।

 

 

 

◇ कुनो नदी

• यह नदी गुना जिले में शिवपुरी पठार से निकलती है।

• इस नदी की कुल लम्बाई 180 किमी है, जो उत्तर में मुरैना तक बहती है। यह चम्बल की सहायक नदी है।

 

 

◇ काली सिन्ध नदी

• यह नदी देवास जिले के बागली गाँव के निकट विन्ध्याचल पर्वत से निकलती है तथा 150 किमी की दूरी तय कर बारा कोटा, (राजस्थान) के निकट चम्बल नदी में मिल जाती है।
• मध्य प्रदेश में यह नदी राजगढ़ एवं शाजापुर जिलों में बहती है।

 

 

◇ केन नदी

• यह नदी जबलपुर जिले में अहीर गाँव के निकट विन्ध्याचल पर्वत से निकलती है एवं उत्तर की ओर प्रवाहित होती हुई कटनी एवं बाँदा जिलों से होते हुए उत्तर प्रदेश में यमुना नदी में मिल जाती है।
• केन नदी को कर्णावती नाम से भी जाना जाता है।
• इस नदी पर पाण्डव जलप्रपात अविस्थित है, जो पन्ना के निकट पड़ता है।

 

 

◇ तवा नदी

• तवा नदी का उद्गम पंचमढ़ी में महादेव पर्वत की कालीभीत पहाड़ियों से होता है तथा होशंगाबाद जिले में यह नदी नर्मदा में मिल जाती है।
• तवा- नर्मदा नदी के संगम पर मन्धार जलप्रपात स्थित है।
• मालनी, सुखतवा एवं देनवा, तवा नदी की प्रमुख सहायक नदियाँ हैं।
• होशंगाबाद के निकट तवा नदी पर मध्य प्रदेश का सबसे लम्बा बाँध तवा बाँध बनाया गया है।

 

 

◇ सिन्ध नदी

• गुना जिले में स्थित सिरोंज के निकट से यह नदी निकलती है। प्रदेश में यह नदी शिवपुरी, गुना, दतिया एवं भिण्ड जिलों से प्रवाहित होती हुई इटावा के पास चम्बल नदी में मिल जाती है।

 

 

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