❍ शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 :-
○ भारत की संसद का एक अधिनियम है जिसे 4 अगस्त 2009 को शिक्षा का अधिकारअधिनियमित किया गया था। बाद में 1 अप्रैल 2010 से प्रभावी रूप से लागू किया गया। जिसमे भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21A के तहत भारत में 6 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का महत्व पूर्ण आधिकार देता है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम को लागू करने वाला, और हरेक बच्चे को शिक्षा का अधिकार देने वाला भारत दुनिया के 135 देशों में शामिल हुआ। शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 | Right to Education Act 2009
❍ आरटीआई का फुल फॉर्म क्या होता है? – What is RTI Full Form in Hindi?
❍ RTI का Full Form Right to Education Act होता है।
❍ हिंदी में आरटीआई का फुल फॉर्म शिक्षा का अधिकार अधिनियम होता है|
❍ शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009
○ Right to Education Act 2009 के अंतर्गत देश में सरकारी स्कूल में 6-14 वर्ष की आयु के बच्चों को मुफ्त शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी और इन सब का प्रबंधन schools management committees द्वारा किया जाएगा।
○इसके अलावा प्राइवेट स्कूलों में 6-14 वर्ष की उम्र वाले 25% गरीब बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान करनी होगी। यदि उपर बताए गए रूल्स को कोई स्कूल फॉलो नहीं करने पर वसूली गयी फीस से 10 गुना अधिक जुर्माना तथा स्कूल की मान्यता भी रद्द की जा सकती है।
○मान्यता रद्द होने के बाद भी स्कूल संचालित करने पर एक लाख रूपये तथा इसके बाद रोज़ाना दस हजार रुपए जुर्माने का प्रावधान है। Right to Education Act के तहत देश के बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने की ज़िम्मेदारी केंद्र तथा राज्य के हाथों में होगी।
○हर स्कूल में लड़कों और लड़कियों के लिए स्वच्छ और अलग शौचालय होना चाहिए। स्कूलों को मुफ्त में पीने का पानी उपलब्ध कराना चाहिए।
○बहुत बार देश में देखा गया है कि किसी कारण से बच्चे का एडमिशन नहीं हो पाता है लेकिन RTI Act की मदद से किसी बच्चे का एडमिशन नहीं हुआ है तो वो अपनी उम्र के अनुसार प्रवेश ले सकते है|
○ Rti Act में विकलांग बच्चों का भी विशेष ध्यान दिया गया है इस एक्ट के तहत जो विकलांग बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा की उम्र को 14 से बढ़ाकर 18 वर्ष की गयी है| इस एक्ट में शिक्षकों का भी उल्लेख किया है। राइट टु एजुकेशन एक्ट अधिनियम के अनुसार कोई भी सरकारी शिक्षक स्कूल के अलावा अपना खुद का प्राइवेट ट्यूशन नहीं चला सकते है।
❍ RTE के तहत प्रवेश के लिए पात्रता? – Eligibility For Admission Under RTE
○ Rti Act के तहत प्रवेश पाने की पात्रता के बारे में कुछ जानकारी नीचे दी गई है शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत सभी निजी स्कूलों को उन बच्चों के लिए 25% सीटें आरक्षित करने का आदेश देता है जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से आते हैं।
○एक परिवार जिसकी कमाई रु3.5 लाख या उससे कम है तो वे आरटीई अधिनियम के तहत सीटों के लिए आवेदन कर सकते हैं। अनाथ, विशेष आवश्यकता वाले बच्चे, प्रवासी श्रमिकों के बच्चे और सड़क के श्रमिकों के बच्चे आरटीई अधिनियम के तहत प्रवेश के लिए पात्र हैं।
❍RTE Act के तहत प्रवेश के लिए आवश्यक दस्तावेज –
○माता पिता के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट: ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी, आधार कार्ड, राशन कार्ड, बर्थ सर्टिफिकेट और पासपोर्ट
○बच्चे के लिए आईडी: माता-पिता को बच्चों के किसी भी और सभी सरकारी दस्तावेजों को प्रस्तुत करना चाहिए, जिसमें जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट और आधार कार्ड तक सीमित नहीं है।
○जाति प्रमाण पत्र – जाति प्रमाण पत्र भी आरटीई प्रवेश के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। इनकम सर्टिफिकेट, पासपोर्ट साइज के फोटो, यदि बच्चा एक अनाथ है तो, माता-पिता दोनों के मृत्यु प्रमाण पत्र का होना चाहिए।
❍ शिक्षकों के लिए RTE Act के नियम और कानून – RTE Act Rules and Regulations For Teachers
○Right to Education Act के अनुसार यह प्रयास किया गया है कि देश के प्रत्येक राज्य, जिला, तालुका और गाव में शिक्षकों की संख्या अच्छी हो। सभी बच्चों को सही से शिक्षा मिल सके उस प्रयास से बच्चो और शिक्षकों की संख्या इस प्रकार रहे की सभी बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल पाए।
❍ भारत देश में 6 से 14 वर्ष के हर बच्चे को नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करने के लिए शिक्षा आधिकार अधिनियम 2009 बनाया गया है। यह पूरे देश में अप्रैल 2010 से लागू किया गया है।
❍ शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009’, 1 अप्रैल, 2010 से सम्पूर्ण भारत में लागू कर दिया गया ।
❍ वर्ष 2002 में संविधान के सहर्ष संशोधन द्वारा अनुच्छेद-21A के भाग-3 द्वारा, 6-14 वर्ष आयु तक के सभी बच्चों को मुक्त एवं अनिवार्य शिक्षा प्रदान करने का प्रावधान किया गया था । इसको प्रभावी बनाने के लिए 4 अगस्त, 2009 को लोकसभा में यह अधिनियम पारित कर दिया गया तथा 1 अप्रैल, 2010 से इसे लागू कर दिया ।
❍ यह कानून 1 अप्रैल, 2010 से पूरे राष्ट्र में लागू हो गया
❍ शिक्षा को मौलिक अधिकार का दर्जा देने बाले विश्व के 135 देशों में सम्मिलित हो गया
❍ 1. स्थानीय अधिकारी तथा माता-पिता के दायित्व:-
❍ इस अधिनियम के प्रावधान के तार सरकार और स्थानीय अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र के अधीन, जिन स्थानों पर विद्यालय नहीं है, बहा 8 वर्ष के अन्दर विद्यालय स्थापित करेंगे । (धारा-6 के अन्तर्गत); माता-पिता अपने बच्चों को नजदीकी विद्यालय में प्राथमिक शिक्षा उपलब्ध कराएंगे । (धारा-10 के अन्तर्गत)
❍ 2. केन्द्र सरकार के दायित्व:-
यह शैक्षणिक अधिकारों की मदद से ढाँचा विकसित करेगी, जो निम्न विषयों पर होगा:
(i) बच्चों का चहुँमुखी विकास ।
(ii) संवैधानिक मूल्यों का विकास ।
(iii) जहाँ तक हो सके, मातृभाषा में शिक्षण दिया जाए ।
(iv) बच्चों के मानसिक बिकास के अनुरूप, उनका नियमित विश्लेषण । (धारा-29 के अन्तर्गत)
(v) बच्चों को भयमुक्त माहौल प्रदान कराना तथा अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता का विकास करना ।
❍ 3. राज्य सरकार के दायित्व:-
(i) वह प्रत्येक बच्चे को नि:शुल्क तथा अनिवार्य शिक्षा उपलब्ध कराएगी ।
(ii) अपने क्षेत्र के 14 वर्ष आयु तक के बच्चों का पूर्ण रिकॉर्ड रखेगी ।
(iii) शैक्षणिक कलेण्डर का निर्धारण करेगी (धारा-9 के अन्तर्गत) ।
❍ राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 के अनुसार सभी को शिक्षा के समान अवसर प्रदान करने की बात कही गयी। शिक्षा प्रदान करने का माध्यम मात्रभाषा और क्षेत्रीय भाषा को बनाया गया। शिक्षा को प्राथमिक शिक्षा, उच्च प्राथमिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, उच्च माध्यमिक शिक्षा एवं उच्च शिक्षा में विभाजित कर दिया गया।
❍ नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 हमें एक नई तरह की शिक्षा शक्ति विकसित करने का एक इकोसिस्टम प्रस्तावित करती है, जिसका रचनात्मक क्रियान्वयन ही हमें भविष्य में नए भारत के निर्माण के लिए आधारभूत शक्ति दे पाएगा।
❍ शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 वर्ष 2002 में 86वें संवैधानिक संशोधन से शिक्षा के अधिकार को संविधान के भाग- III में एक मौलिक अधिकार के तहत शामिल किया गया। इसे अनुच्छेद 21A के अंतर्गत शामिल किया गया, जिसने 6-14 वर्ष के बच्चों के लिये शिक्षा के अधिकार को एक मौलिक अधिकार बना दिया। इसने एक अनुवर्ती कानून शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 | Right to Education Act 2009 का प्रावधान किया।
❍ Act 2009 :- 12 दिसंबर 2002 को 86 वें संशोधन द्वारा शिक्षा को मौलिक अधिकारों में शामिल किया गया।
○ सर्व शिक्षा अभियान :- अगस्त 2009 सार्वभौमीकरण
○ 1976 में समवर्ती सूची में जोड़ा गया।
○ अनुच्छेद 21(A) :- 1 अप्रैल 2010 से आंगनबाड़ी और नया प्रयास खोले गए 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों के लिए।
○ प्रारंभिक शिक्षा :-
प्राथमिक ( 1 से 5 कक्षा तक )
30 बच्चे पर 1 टीचर
साल में 200 दिन स्कूल
हफ्ते में 45 घण्टे काम करना
○ माध्यमिक ( 6 से 8 कक्षा तक )
35 बच्चे पर 1 टीचर
साल में 220 दिन काम करना
हफ्ते में 45 घण्टे काम करना
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