विद्युत धारा की परिभाषा। विद्युत धारा के प्रभाव। विद्युत प्रकार
❍ विद्युत धारा :- किसी विद्युत परिपथ में इलेक्ट्रॉन के प्रवाह को विद्युत धारा कहते हैं। यह एक अदिश राशि है, इसका मात्रक एम्पियर होता है। विद्युत धारा को मापने के लिए अमीटर का उपयोग किया जाता है।
○ विद्युत धारा और इलेक्ट्रॉन के प्रवाह की दिशा हमेशा एक-दूसरे के विपरीत होती है। जहां पर विद्युत धारा का प्रवाह धन आवेश से ऋण आवेश की ओर होता है, वहां पर इलेक्ट्रॉन का प्रवाह ऋण आवेश से धन आवेश की ओर होता है।
☆ विद्युत धारा के प्रकार :-
1.प्रत्यावर्ती धारा :- ऐसी विद्युत धारा जिसकी दिशा व मान बदलता या परिवर्तित होता रहता है, उसे प्रत्यावर्ती धारा कहते हैं।
• इस विद्युत धारा की आवृत्ति 50 हर्ट्ज होती है।
• हमारे घरों में हेडिल से आने वाली लाइट प्रत्यावर्ती धारा ही होती है।
• यह धारा हमें अल्टरनेट, ओसिलेटर इत्यादि से प्राप्त होती है।
2.दिष्ट धारा :- ऐसी विद्युत धारा जिसकी दिशा व मान बदलता या परिवर्तित नहीं होता रहता है, उसे दिष्ट धारा कहते हैं।
• इस विद्युत धारा की आवृत्ति 0 (zero) हर्ट्ज होती है।
• यह धारा हमें मोबाइल बैटरी, इन्वर्टर, सेल, डी. सी. जनरेटर इत्यादि से प्राप्त होता है।
○ विद्युत धारा का रासायनिक प्रभाव :- जब विद्युत धारा किसी द्रव्य अर्थात किसी पानी में मिले अम्ल में प्रवाहित करते है , तब उसके आयंस विभक्त हो जाते है।
• यह घटना विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव के कारण ही होती है।
○ जब विद्युत को सुचालक तरल पदार्थ से गुजारते है , तब रासायनिक प्रक्रिया के कारण वह अपने आयंस मे बट जाएं उसे रासायनिक प्रभाव कहते है।
○ विद्युतलेपन :- विद्युत धारा द्वारा किसी पदार्थ पर वांछित धातु की परत निक्षेपित करने की प्रक्रिया को विद्युतलेपन कहते है।
○ जब कॉपर सल्फेट विलयन में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो कॉपर सल्फेट , कॉपर तथा सल्फेट में वियोजित हो जाता है।
○ इलेक्ट्रोड से जो ताँबे की प्लेट से बना है , समान मात्रा का कॉपर विलयन में घुल जाता है।
• आभूषण बनाने वाली सस्ती धातुओं पर चाँदी तथा सोने का विद्युतलेपन करते हैं।
• खाद्य पदार्थों के भंडारण के लिए उपयोग किए जाने वाले टिन के डिब्बों में लोहे के ऊपर टिन की विद्युतलेपन किया जाता है।
अध्याय 15 कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ | Some Natural Phenomena