प्राकृतिक रेशे :- कपास , ऊन , रेशम , रेशम आदि पौधों अथवा जंतुओं से प्राप्त से प्राप्त होते है।
संश्लेषित रेशे मनुष्यों द्वारा बनाए जाते है , इसलिए ये संश्लेषित अथवा मानव निर्मित रेशे कहलाते है।
❍ संश्लेषित रेशे :- एक संश्लेषित रेशा भी छोटी इकाइयों को जोड़कर बनायी गयी एक श्रंखला है।
○ अनेक छोटी इकाइयाँ मिलकर एक बड़ी एकल इकाई बनाते हैं जो बहुलक (अंग्रेजी में पॉलीमर) कहलाती हैं।
❍ संश्लेषित रेशो के प्रकार :- रेशम किट से प्राप्त किया जाता है । इसकी खोज चीन में हुई थी। रेशम से प्राप्त कपड़ा बहुत महँगा होता है।
○ रेयॉन :- रेशा काष्ठ लुगदी के रासायनिक उपचार से प्राप्त किया जाता है , जिसे रेयॉन कहते है। रेयॉन को कपास के साथ मिलकर बिस्तर की चादरें बनाते है। ऊन के साथ मिलाकर कालीन बनाते है।
○ नाइलॉन :- मानव-निर्मित रेशा है। इसका निर्माण कोयले , जल और वायु से किया जाता है। नाइलॉन रेशा इतना प्रबल है कि हम इससे नाइलॉन पैराशूट और चट्टानों पर चढ़ने हेतु रस्से बना सकते है।
• जुराबें , रस्से , तम्बू , ब्रुश , आदि।
○ पॉलिएस्टर :- पॉली+एस्टर वास्तव में एक रसायन जो एस्टर कहलाता है।
• बोतलें , बर्तन , फ़िल्म , तार आदि पॉलिस्टर से निर्मित होते है।
○ ऐक्रिलिक :- अन्य संश्लेषित रेशे से तैयार किये जाते है। ये प्राकृतिक रेशों की अपेक्षा अधिक लोकप्रिय हैं।
❍ संश्लेषित रेशों के गुणधर्म :- सभी संश्लेषित रेशे पेट्रोलियम मूल के कच्चे माल जो पेट्रोरसायन कहलाते है। ये शीघ्र सूखते हैं , अधिक चलाऊ , कम महँगे , आसानी से उपलब्ध और रख-रखाव में सुविधाजनक हैं।
○ प्लास्टिक :- संश्लेषित रेशे की तरह प्लास्टिक भी एक बहुलक हैं। पॉलीथिन (पॉली+एथीन) थैलियाँ बनाने के काम आती हैं।
○ थर्मोप्लास्टिक :- प्लास्टिक जो गर्म करने पर आसानी से विकृत हो जाता है और सरलतापूर्वक मुड़ जाता हैं।
• उदाहरण :- पॉलीथिन और पीवीसी, खिलौने , कंघियाँ बनाई जाती है।
○ थर्मोसेटिंग प्लास्टिक :- कुछ प्लास्टिक ऐसे हैं जिन्हें एक बार साँचे में ढाल दिया जाता है तो इन्हें उष्मा देकर नर्म नही किया जा सकता।
उदाहरण – बैकेलाइट और मेलामाइन ।
○ बैकेलाइट :- उष्मा और विधुत का कुचालक है। यह बिजली के स्विच , विभिन्न बर्तनों के हत्थे आदि बनाने में काम आता है।
○ मेलामाइन :- यह आग का प्रतिरोधक है। यह फर्श की टाईलें , रसोई के बर्तन और कपड़ें बनाने के लिए उपयोग में लिया जाता है।
○ विकल्प पदार्थ – प्लास्टिक :- धातुओं की अपेक्षा हल्के होने के कारण प्लास्टिक का उपयोग कारों , वायुयानों , अंतरिक्षयानों में भी होता हैं।
•प्लास्टिक कुचालक है।
• प्लास्टिक अभिक्रियाशील है।
• प्लास्टिक हल्का , प्रबल , और चिरस्थायी है।
○ प्लास्टिक और पर्यावरण
• जैव निम्निकरणीय :- जो जीवाणु की क्रिया द्वारा अपघटित हो जाते है।
• जैव अनिम्निकरणीय :- जो सरल से विघटित नही होते है।
○ पुनः चक्रण 5 R सिद्धांत
• Reduce – उपयोग कम करिए
• Reuse – पुनः उपयोग करिए
• Recycle – पुनः चक्रित करिए
• Recover – पुनः प्राप्त करिए
• Refuse – उपयोग ना करना
अध्याय 4 पदार्थ : धातु और अधातु | Materials : Metals and Non-metals.