अध्याय 8 लोकतंत्र की चुनौतियाँ | Challenges of Democracy

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 लोकतंत्र के सामने क्या-क्या चुनौतियाँ। लोकतांत्रिक राजनीति को सुधारने के लिए क्या किया जा सकता है। लोकतांत्रिक व्यवस्था अपने बरताव और नतीज़ों से अधिक लोकतांत्रिक बन सकती है।

 

लोकतांत्रिक शासन-व्यवस्था की चुनौतियाँ :-

आज विश्व के लगभग एक चौथाई देश ऐसे हैं जहाँ लोकतंत्र स्थापित नही हो सका है | परंतु जहाँ इसकी स्थापना हो चुकी है, उसे चुनौती देने वाली कोई दूसरी व्यवस्था नहीं है | लोकतंत्र के विकास के मार्ग में कई पड़ाव आये | प्रत्येक पड़ाव पर दुनिया भर में लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं के सामने गंभीर चुनौतियाँ हैं | ये चुनौतियाँ अलग-अलग देशों में अलग-अलग प्रकृति की हैं | जिन देशों में लोकतांत्रिक शासन-व्यवस्था नहीं है, उन देशों में लोकतांत्रिक सरकार गठन करने की चुनौती | लोकतंत्र के विस्तार की चनौती | लोकतंत्र को मजबूत करना लोकतंत्र की तीसरी प्रमुख चुनौती है |

 

भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था की प्रमुख चुनौतियाँ

1.सरकार के तीनों अंगों के बीच टकराव |
2.संकीर्ण दलीय राजनीति |
3.संघ एवं इकाइयों के बीच टकराव |
4.दलों द्वारा उम्मीदवारों के टिकट वितरण में प्रदर्शिता का अभाव |
5.राजनीतिक दलों द्वारा अपराधियों को ज्यादा महत्त्व दिया जाना |
6.गठबंधन के राजनीति की मजबूरी |
7.क्षेत्रीय असंतुलन |
8.सामाजिक भेदभाव |

 

लोकतंत्र की चुनौतियों के समाधान के लिए सुझाव :-

1.शिक्षा एवं जागरूकता,
2.मूलभूत बातों पर सहमति,
3.स्थानीय स्वशासन की मजबूती,
4.समानता की स्थापना,
4.नागरिकों के अधिकार एवं स्वतंत्रता की बहाली,
5.स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव,
6.जनसंपर्क माध्यमों की स्वतंत्रता,
7.सुधारात्मक कानूनों का निर्माण,
8.स्वतंत्र एवं निष्पक्ष न्यायपालिका
 

 

लोकतंत्र की चुनौतियाँ

ऐसे हिस्सों में लोकतंत्र की चुनौती है वहाँ आधार बनाने की। ऐसे देशों में अलोकतांत्रिक सरकारें हैं। वहाँ से तानाशाही को हटाना होगा और सरकार पर से सेना के नियंत्रण को दूर करना होगा। उसके बाद एक स्वायत्त राष्ट्र की स्थापना करनी होगी जहाँ लोकतांत्रिक सरकार हो।

• बुनियादी आधार की चुनौती :- इस चुनौती में – सत्ता मौजूदा गैर – लोकतांत्रिक सरकार को गिराने , पर सेना के नियंत्रण को समाप्त करने और एक सम्प्रभु तथा कारगर शासन व्यवस्था को स्थापित करने की चुनौती है ।

• विस्तार की चुनौती :- इस चुनौती में लोकतांत्रिक शासन के बुनियादी सिद्धांतो को सभी क्षेत्रों , सभी सामाजिक समूहों और विभिन्न संस्थाओं में लागू करना शामिल हैं ।

•लोकतंत्र को मजबूत करने की चुनौती :- इस चुनौती में लोकतांत्रिक संस्थाओं और प्रथाओं को मजबूत करना शामिल है ।

 

○ राजनीतिक दलों के लिए चुनौतियाँ

1. पार्टी के भीतर आंतरिक लोकतंत्र का न होना।

2. वंशवाद की चुनौती अपने ही लोगों को आगे बढ़ाते हैं।

3. चुनाव में पैसा , अपराधी तत्वों की बढ़ती घुसपैठ की है।

4. विकल्पहीनता में विभिन्न पार्टियों की नीतियों में अंतर।

5. जनता में अधिकारो , साक्षरता , जागरूकता का अभाव है।

 

 

 

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