अध्याय 4 : कार्बन एवं उसके यौगिक

कार्बन एवं उसके यौगिक     कार्बन :-  कार्बन एक सर्वतोमुखी तत्व है । कार्बन भूपर्पटी में खनिज के रूप में 0.02% उपस्थित है । वायुमंडल में यह कार्बन डाइऑक्साइड के रूप में 0.03% उपस्थित है । सभी सजीव संरचनायें कार्बन पर आधरित हैं । कागज , प्लास्टिक , चमड़े Read More …

अध्याय 3 : धातु एवं अधातु

धातु एवं अधातु :   में 118 तत्व ज्ञात हैं । इनमें 90 से अधिक धातुऐं , 22 अधातुऐं और कुछ उपधातु हैं ।   धातु :- पदार्थ जो कठोर , चमकीले , आघातवर्ध्य , तन्य , ध्वानिक और ऊष्मा तथा विद्युत के सुचालक होते हैं , धातु कहलाते हैं Read More …

अध्याय 2 : अम्ल , क्षारक एवं लवण

 अम्ल , क्षारक एवं लवण    अम्ल की परिभाषा :- अम्ल को अंग्रेजी भाषा में ऐसिड कहते हैं , ऐसिड शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा के शब्द ‘ एसिड्स ’ ( Acidus ) से हुई है , जिसका अर्थ खट्टा ( Sour ) होता है । अतः हम कह सकते Read More …

अध्याय 1 : रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण    रासायनिक अभिक्रिया :- ऐसे परिवर्तन जिसमें नए गुणों वाले पदार्थों का निर्माण होता है , उसे रासायनिक अभिक्रिया कहते हैं । उदाहरण :- भोजन का पाचन , श्वसन , लोहे पर जंग लगना , मैग्नीशियम फीते का जलना , दही का बनना आदि ।  इन Read More …

अध्याय 15 : खाद्य संसाधनों में सुधार

 खाद्य संसाधनों में सुधार    फसलों के प्रकार :- फसलों के प्रकार जिनमें हम निम्नलिखित चीजें प्राप्त करते हैं   अनाज :- इनमें गेहूँ , चावल , मक्का , बाजरा आदि सम्मिलित हैं । ये हमें कार्बोहाइड्रेट प्रदान करते हैं । ।  बीज :- पौधों में पाये जाने वाले सभी बीज Read More …

अध्याय 14 : प्राकृतिक संपदा

 प्राकृतिक संपदा     प्राकृतिक संपदा :- जिस वस्तु का उपयोग हम अपने लाभ के लिए कर सकते हैं उसे संपदा कहते हैं । जो संपदा प्राकृतिक रूप से उपलब्ध हो उसे प्राकृतिक संपदा कहते हैं । उदाहरण :- जल , वायु , मिट्टी , पौधे , आदि । पृथ्वी पर ये Read More …

अध्याय 13 : हम बीमार क्यों होते हैं

हम बीमार क्यों होते हैं    स्वास्थ :- किसी व्यक्ति की सामान्य शारीरिक एवं मानसिक अवस्था ही उसका स्वास्थ्य है । स्वास्थ्य अच्छा रहने की वह अवस्था है जिसमें शारीरिक , मानसिक और सामाजिक कार्य उचित प्रकार से किया जा सके । WHO ( विश्व स्वास्थ्य संगठन ) के अनुसार Read More …

अध्याय 12 : ध्वनि

ध्वनि    ध्वनि :- यह ऊर्जा का एक रूप है , जो तरंगों के रूप में संचरित होती है । ध्वनि हमारे कानों में श्रवण का संवेदन उत्पन्न करती है । ध्वनि ऊर्जा का एक रूप है जिससे हम सुन सकते हैं । ऊर्जा संरक्षण का नियम ध्वनि पर भी Read More …

अध्याय 11 : कार्य तथा ऊर्जा

कार्य तथा ऊर्जा    कार्य :- कार्य करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है । सजीवों में ऊर्जा , भोजन से मिलती है । मशीनों को ऊर्जा , ईंधन से मिलती है ।  कठोर कार्य करने के बावजूद कुछ अधिक कार्य नहीं :- सभी प्राक्रियाओं , लिखना , पढ़ना Read More …

अध्याय 10 : गुरुत्वाकर्षण

गुरुत्वाकर्षण    पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण :- वह बल जो किसी भी वस्तु को धरती के केन्द्र की तरफ खींचता है , वह पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल कहलाता है ।  उदहारण :- अगर हम कोई एक पत्थर बिना धक्का दिए फेंकते हैं ,( एक ऊँचाई से ) वह पत्थर पृथ्वी की Read More …