चुनाव क्यो।चुनाव प्रणाली। निर्वाचन क्षेत्र मतदाता सूची उम्मीदवार का नामांकन मतदान और मतगणना। चुनाव आयोग।
भारत में चुनाव क्यों लोकतांत्रिक है?
❍ चुनाव क्यों :- लोकतंत्र शासन का एक ऐसा रूप है जिसमें शासकों का चुनाव लोग करते हैं।
• चुनाव या निर्वाचन, लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जिसके द्वारा जनता (लोग) अपने प्रतिनिधियों को चुनती है।
• चुनाव लोगों को सरकार के कामकाज का फैसला करने का अवसर देते हैं।
• लोग चुनाव में अपनी पसंद के उम्मीदवार का चुनाव करते हैं।
• चुनाव लोगों को न्यायपालिका के कामकाज का मूल्यांकन करने का अवसर देते हैं।
• लोग चुनाव से अपनी पसंद की नीतियाँ बना सकते हैं।
❍ चुनावों की जरूरत क्यों है :-
इसलिए अधिकांश लोकतांत्रिक शासन व्यवस्थाओं में लोग अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से शासन करते हैं। और जिससे लोग नियमित अंतराल पर अपने प्रतिनिधियों को चुन सकें और अगर इच्छा हो तो उन्हें बदल भी दें। इस व्यवस्था का नाम चुनाव है।
• वे अपने लिए कानून बनाने वाले का चुनाव कर सकते है।
• वे सरकार बनाने और बड़े फ़ैसले करने वाले का चुनाव कर सकते हैं।
• वे सरकार और उसके द्वारा बनने वाले कानूनों का दिशा-निर्देश करने वाली पार्टी का चुनाव कर सकते हैं।
❍ चुनाव को लोकतांत्रिक मानने के आधार क्या है:-
○ पहला :- हर किसी को चुनाव कराने की सुविधा हो। यानी हर किसी को मताधिकार हो और हर किसी को मत कर सामान मोल ही।
○ दूसरा :- चुनाव में विकल्प उपलब्ध हो। पार्टियों और उम्मीदवारों को चुनाव में उतरने की आजादी हो और वे मतदाताओं के लिए विकल्प पेश करें।
○ तीसरा:- चुनाव का अवसर नियमित अंतराल पर मिलता रहे। नए चुनाव कुछ वर्षों में जरूर कराए जाने चाहिए।
○ चौथा:- लोग जिसे चाहे वास्तव में चुनाव उसी का होना चाहिए।
○ पाँचवा:- चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष ढंग से कराए जाने चाहिए जिससे लोग सचमुच अपनी इच्छा से व्यक्ति का चुनाव कर सकें।
❍ राजनैतिक प्रतिद्वंद्वीता :- नियमित चुनावी मुकाबले का लाभ राजनैतिक दलों और नेताओं को मिलता है।
• लोगों की इच्छा के अनुसार मुद्दों को उठाया तो उनकी लोकप्रियता बढ़ेगी।
• अपने कामकाज से मतदाताओं को संतुष्ट करने में असफल रहते हैं तो वे अगला चुनाव नही जीत सकते।
❍ चुनाव प्रणाली:-
○ आम चुनाव :- भारत में चुनाव अथवा निर्वाचन लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, एक नियमित अन्तराल पर होने वाले चुनावों को आम चुनाव कहते है|
• लोकसभा और विधानसभा
• हर 5 वर्ष में चुनाव होते है।
○ उपचुनाव :- कई बार सिर्फ़ एक क्षेत्र में चुनाव होता है जो किसी सदस्य की मृत्यु या इस्तीफे से खाली हुआ होता है।
• मृत्यु हो जाना , इस्तीफ़ा दे देना।
•किसी कारणवश सदस्य का अयोग्य घोषित हो जाना आदि.
❍ चुनाव क्षेत्र :-
○ लोकसभा चुनाव के लिए देश को 543 निर्वाचन क्षेत्रों में बाँटा गया है।
• हर क्षेत्र से चुने गए प्रतिनिधियों को सासंद (MP) सदस्य कहते हैं।
○ प्रत्येक राज्य को उसकी विधानसभा की सीटों के हिसाब से बाँटा गया है।
• इन सीटों से निर्वाचित प्रतिनिधियों को विधयाक (MLA) कहते है।
○ पंचायतों और नगरपालिका के चुनावों को कई ‘ वार्डो ‘ में बाँटा जाता है।
○ निर्वाचन क्षेत्र :- चुनाव के उद्देश्य से देश को अनेक क्षेत्रों में बाँट लिया गया है, इन्हें निर्वाचन क्षेत्र कहते हैं।
• एक क्षेत्र में रहने वाले मतदाता अपने एक प्रतिनिधि का चुनाव करते हैं
○ आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र:- संविधान निर्माताओं ने कमज़ोर वर्गों के लिए आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र की विशेष व्यवस्था का प्रबंधन किया।
• आरक्षित क्षेत्रों में केवल अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति चुनाव लड़ सकते है।
• लोकसभा में अनुसूचित जाति (SC) के लिए 84 सीटें हैं।
• अनुसूचित जनजाति(ST) के लिए 47 सीटें हैं।
• स्थानीय चुनाव में पंचायत और नगरपालिका में पिछड़े वर्गों (OBC)को आरक्षण मिला है।
• महिलाओं को भी आरक्षण मिला है।
उपविभाजन प्रकार निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या
आन्ध्र प्रदेश राज्य 25
अरुणाचल प्रदेश राज्य 2
असम राज्य 14
बिहार राज्य 40
छत्तीसगढ़ राज्य 11
गोवा राज्य 1
गुजरात राज्य 26
हरियाणा राज्य 10
हिमाचल प्रदेश राज्य 4
झारखंड राज्य 14
कर्नाटक राज्य 28
केरल राज्य 20
मध्य प्रदेश राज्य 29
महाराष्ट्र राज्य 48
मणिपुर राज्य 2
मेघालय राज्य
नागालैंड राज्य 1
उड़ीसा राज्य 21
पंजाब राज्य 13
राजस्थान राज्य 25
सिक्किम राज्य 1
तमिल नाडु राज्य 39
त्रिपुरा राज्य 2
उत्तराखंड राज्य 5
उत्तर प्रदेश राज्य 80
पश्चिम बंगाल राज्य 42
तेलंगाना राज्य 17
चंडीगढ़ केन्द्र शासित प्रदेश 1
पुदुच्चेरी केन्द्र शासित प्रदेश 1
जम्मू और कश्मीर केन्द्र शासित प्रदेश 6
लक्षद्वीप केन्द्र शासित प्रदेश 1
दादरा और नगर हवेली केन्द्र शासित प्रदेश 1
दमन और दीव केन्द्र शासित प्रदेश 1
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली केन्द्र शासित प्रदेश 7
अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह केन्द्र शासित प्रदेश 1
○ मतदाता सूची :- हमारे देश में 18 वर्ष या उससे ऊपर की उम्र के सभी नागरिक चुनाव में वोट डाल सकते हैं। नागरिक की जाति धर्म लिंग चाहे जो हो उसे मत देने का अधिकार है।
○ उम्मीदवार का नामांकन :- उम्मीदवार बनने की न्यूनतम आयु 25 वर्ष है।
• भारत का नागरिक होना चाहिए।
• उम्मीदवार और उसके परिवार के सदस्यों की संपत्ति और देनदारियों का ब्यौरा।
• उम्मीदवार के खिलाफ चल रहे गंभीर आपराधिक मामले।
• उम्मीदवार के शैक्षिक योग्यता।
○ चुनाव अभियान :- उम्मीदवार ये सब काम नही कर सकती।
• मतदाता को प्रलोभन देना , घुस देना या धमकी देना।
• उनसे जाती है धर्म के नाम पर वोट मांगना।
• चुनाव अभियान में सरकारी संसाधनों का इस्तेमाल करना।
• लोकसभा चुनाव में एक निर्वाचन क्षेत्र में 25 लाख या विधानसभा चुनाव में 10 लाख रुपए से ज्यादा खर्च करना।
○ आचार संहिता :-
• चुनाव प्रचार के लिए किसी धर्म स्थल का उपयोग।
• सरकारी वाहन, विमान या अधिकारियों का चुनाव में उपयोग।
• चुनाव की अधिघोषणा हो जाने के बाद मंत्री किसी बड़ी योजना का शिलान्यास, बड़े नीतिगत फैसले या लोगों को सुविधाएं देने वाले वायदे नहीं कर सकते।
○ मतदान और मतगणना :-
• चुनाव का आखिरी चरण है
• मतदाता उम्मीदवार को को वोट देता है।
• मतदान के बाद मतों की गिनती की जाती हैं।
• जो सबसे आगे वही जीते।
○ भारत में चुनाव लोकतांत्रिक है।
• चुनाव आयोग :- भारत में निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराने के लिये एक आयोग का गठन किया जाता है चुनाव आयोग कहलाता है। चुनाव निष्पक्ष कराने के लिये आयोग की जिम्मेदारी महत्वपूर्ण है। भारत में चुनाव आयोग के अधिकार निम्न हैं –
1. चुनाव आयोग चुनाव की अधिसूचना जारी करने से लेकर चुनावी नतीजों की घोषणा तक पूरी चुनाव प्रक्रिया के संचालन के हर पहलू पर निर्णय लेता है।
2. यह आदर्श चुनाव संहिता लागू करता है और इसका उल्लंघन करने वाले उम्मीदवारों और पार्टीयों को सजा देता है।
3. चुनाव के दौरान निर्वाचन आयोग सरकार को दिशा निर्देश मानने का आदेश दे सकता है। इसमें सरकार द्वारा चुनाव जीतने के लिये चुनाव में सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग रोकना या अधिकारियों का तबादला करना भी शामिल है।
4. चुनाव ड्यूटी पर तैनात अधिकारी सरकार के नियंत्रण में न होकर निर्वाचन आयोग के अधीन काम करते हैं।
○ मुख्य चुनाव आयुक्त (भारत)
• मुख्य चुनाव आयुक्त :- सुशील चंद्रा 13 अप्रैल 2021 से
• नामांकनकर्ता भारत सरकार
•नियुक्तिकर्ता भारत के राष्ट्रपति
•अवधि काल ६वर्ष या ६५ वर्ष की आयु तक (जो भी पहले हो
भारत में राष्ट्रीय मतदाता दिवस प्रत्येक वर्ष 25 जनवरी को मनाया जाता है। इसके मनाए जाने के पीछे निर्वाचन आयोग का उद्देश्य था कि देश भर के सभी मतदान केन्द्र वाले क्षेत्रों में प्रत्येक वर्ष उन सभी पात्र मतदाताओं की पहचान की जाएगी, जिनकी उम्र एक जनवरी को 18 वर्ष हो चुकी होगी।