हरियाणा की नदीयाॅं | Haryana GK

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हरियाणा की अपनी कोई बारहमासी नदी नहीं है राज्य से होकर बहने वाली महत्वपूर्ण नदीयाॅं यमुना सरस्वती और घग्गर हैं।

ये नदीयाॅं हरियाणा में सिंचाई के स्त्रोतों में से एक हैं।

हरियाणा की नदीयों को दो भागों में बाॅंटा जा सकता है-

1. उतरी हरियाणा की नदीयाॅं

2. दक्षिणी हरियाणा की नदीयाॅं

 1. यमुना नदी (Yamuna River):

उद्गम स्थल-बंदरपूंछ श्रेणी के पश्चिमी ढाल पर यमुनोत्री ग्लेशियर से (गढ़वाल, उत्तराखण्ड)

हरियाणा में प्रवेश- कलेसर (यमुनानगर)

जिलों से गुजराती है- यमुनानगर, करनाल, पानीपत, सोनीपत और फरीदाबाद जिलों से होकर गुजरती है।

हरियाणा में लम्बाई- 320 किसी (हरियाणा की सबसे लम्बी नदी)

हरियाणा में यमुना नदी की सहायक नदियाॅं- सोम्ब,पथराला,बूढ़ी

हरियाणा से निकास – हसनपुर (फरीदाबाद) से उतरी प्रदेश के अलीगढ़ में प्रवेश कर जाती है।

बाॅंध व कुण्ड- हथिनी कुंड (ताजेवाला), अनंगपुर बांध (फरीदाबाद),किशाऊ बांध, रेणुका बांध,लखवार बांध,चेक बांध,(सोम्ब नदी) यमुना नदी, प्रयागराज के पास लगभग 855 मील(1,376 किमी) के बाद, गंगा नदी में मिलती है।उनका संगम हिंदुओं के लिए एक पवित्र स्थान है।

 

2. घग्घर नदी (Ghaggar River)

उद्गम स्थल- हिमाचल प्रदेश के शिवालिक पहाड़ियों में डगशाई (शिमला) नामक स्थान से निकलती है।

हरियाणा में प्रवेश- पिंजौर ( पंचकुला)

जिलों से गुजराती है- पंचकुला, अंबाला, कैथल, फतेहाबाद, सिरसा

हरियाणा में लम्बाई- 291 किमी

हरियाणा में घग्घर नदी की सहायक नदियां- कौशल्या नदी,मारकंडा, सरस्वती,तंगरी और झांझर

हरियाणा से निकास- सिरसा के बाद यह राजस्थान के हनुमानगढ़ में प्रवेश कर विलुप्त हो जाती है।
बाॅंध व कुण्ड- वीयराज बाॅंध ( ओटटू सिरसा), कौशल्या बांध (पंचकुला),चमाला बांध,डंगरना बांध,दीवानवाला बांध घग्घर नदी में मिलने वाले छोटे छोटे नालों को चौ कहा जाता है। घग्घर नदी में मिलने वाले छोटे-छोटे नदियों को चौ कहते हैं अगर नदी द्वारा निर्मित बाढ़ का मैदान नैली कहलाता है घग्घर-हकरा नदी भारत और पाकिस्तान में एक रुक-रुक कर बहने वाली नदी है,जो केवल मानसूनी के मौसम में बहती है। नदी को ओटू बैराज से पहले हकरा नदी के रूप में जाना जाता है। हरियाणा के अंबाला और हिसार जिलों से गुजरने के बाद यह राजस्थान के थार रेगिस्तान में गायब हो जाता है। इसकी कुल लंबाई इसके स्त्रोत से लगभग 467 किमी है।कई इतिहासकार वैदिक सरस्वती नदी के साथ घग्घर की पहचान करते हैं।

3. सरस्वती नदी (Saraswati River)

उद्गम स्थल- सिरमौर की पहाड़ियों (हिमाचल प्रदेश)

हरियाणा में प्रवेश- अंबाला

जिलों से गुजराती है- अंबाला, कुरूक्षेत्र, कैथल

बाॅंध व कुण्ड- सोनिया झील

सहायता नदियां- टांगरी,मारकंडा,छुटांग

हरियाणा से निकास- संगरुर (पंजाब) में घग्घर नदी में मिल जाती है।

4. दोहन नदी (Dohan River)

उद्गम स्थल- राजस्थान के सीकर जिले में नीम का थाना के पास मंधोली गांव से निकलती है।

हरियाणा में प्रवेश – रेवाड़ी

जिलों से गुजराती है- रेवाड़ी और महेन्द्रगढ़

विलय या समाप्त- बिलोचपुर के पास साहिबि नदी में मिल जाती है

दोहान नदी एक बरसाती नदी है।जो राजस्थान के सीकर जिले में नीम का थाना के पास मंडोली में गांव में निकलती है। यह साहिबी नदी की एक सहायक नदी है।

5. टांगरी (डाॅंगरी) नदी (Tangri River):

उद्गम स्थल- मोरनी हिल्स (पंचकुला)

हरियाणा में प्रवेश- पंचकुला में ही उद्गम होता है

जिलों से गुजराती है- अंबाला, कुरूक्षेत्र, कैथल

सहायक नदियाॅं- बलियाली, आमरी

विलय या समाप्त- मार्कण्डा नदी में मिल जाती है जो बाद में घग्घर नदी के साथ विलीन हो जाती है।

तंगरी नदी,जिसे डंगरी नदी भी कहा जाता है,जो शिवालिक पहाड़ियों में उत्पन्न होती है, घग्घर नदी की एक सहायक नदी है। तंगरी का संगम इसके दक्षिणी उपनदी के साथ होता है जिसे बलियाली नदी कहा जाता है अंबाला के दक्षिणी पूर्वी में पंजोखरा के पास तांगरी नदी अंबाला के उत्तर और दक्षिण में बहने वाली दो धाराओं में विभाजित होती है। तंगरी नदी का संगम इसके सहायक नदी के साथ होता है जिसे आमरी नदी (दादरी नदी और शहजादपुर नदी के नाम से भी जाना जाता है,का उद्गम स्थल रतूर के पास है।

6. कृष्णावती नदी ( Sahibi River):

उद्गम स्थल- राजस्थान में सीकर जिले के जीतगढ और मनोहरपुर नामक स्थान से

हरियाणा में प्रवेश- कोट कासिन रेवाड़ी

जिलों से गुजराती है- रेवाड़ी, गुरुग्राम

सहायक नदियाॅं- सोता,बार्कनिया नाला, इंदौर नाला

बाॅंध व कुण्ड- मसानी बैराज

विलय या समाप्त- नजफगढ़ झील में सम्माहित हो जाती है

यह प्राचीन काल में रसा कहलाती थी।

साहिबी नदी, जिसे सबी नदी भी कहा जाता है, भारत में राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली राज्यों से होकर बहने वाली एक बरसाती नदी है।

8. मारकंडा नदी ( Markanda River):

उद्गम स्थल- नाहन क्षेत्र ( सिरमौर जिले) हिमाचल प्रदेश

हरियाणा में प्रवेश- अम्बाला

जिलों से गुजराती है- अंबाला,
कुरूक्षेत्र,कैथल

सहायक नदियाॅं- तांगड़ी,रण,बेगना नकटी

बाॅंध व कुण्ड- सेनिसा झील

विलय या समाप्त- सेनिसा झील

मार्कणडा , यमुना नदी की एक सहायक नदी है।जो हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में नाहन क्षेत्र की एक छोटी नदी है। हिमाचल प्रदेश से निकलने के बाद यह नदी अंबाला के पास हरियाणा से होकर बहती है।मार्कणडा नदी का प्राचीन नाम अरुणा था यह अंबाला और कुरुक्षेत्र जिलों में बहती है।इसका अधिकांश पानी सानिसा झील में जाता है, जहां यह सरस्वती से मिलती है।

9. चेतंग नदी ( Chetang River):

उद्गम स्थल- शिवालिक (हिमाचल प्रदेश)

हरियाणा में प्रवेश- यमुनानगर

जिलों से गुजराती है- यमुनानगर, कुरूक्षेत्र, करनाल, जींद कैथल

सहायक नदियाॅं- राक्षी ( राका)

विलय या समाप्त- यमुना नदी में

चौतांग नदी हरियाणा राज्य में एक मौसम नदी है।यह नदी राज्य में यमुना नदी की मुख्य सहायक नदी है।

10. इंदोरी नदी (Indori River)

उद्गम स्थल- नूंह ( मेवात की पहाड़ी)

हरियाणा में प्रवेश- मेवात में ही उद्गम होता है

जिलों से गुजराती है- मेवात

विलय या समाप्त- साहिबि नदी में मिल जाती है।

11. राक्षी (राका) नदी (Rakshi River):

उद्गम स्थल- शाहपुरा मैदानी श्रेत्र (यमुनानगर)

जिलों से गुजराती है- यमुनानगर

विलय या समाप्त- लाडवा के पास चेतंग नदी में

हरियाणा की प्रमुख नदियाॅं

• यमुना नदी Yamuna River)
• घग्घर नदी (Ghaggar River)
• सरस्वती नदी ( Saraswati River)
• दोहन नदी (Dohan River)
• टांगरी (डाॅंगरी) नदी ( Tangri River)
• कृष्णावती नदी (Krishnavati River)
• साहिबी नदी ( Sahibi River)
• मारकंडा नदी (Markanda River)
• चेतंग नदी (Chetang River)
• इंदौर नदी (Indori River)
• राक्षी (राका) नदी (Rakshi River)

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