अध्याय 14 विधुत धारा और इसके प्रभाव | Electric Current and its Effects

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 ❍ विधुत :- किसी चालक में विद्युत आवेशों के बहाव से उत्पन्न ऊर्जा को विद्युत कहते है।

○ विधुत सेल :-

○ घनात्मक :- विद्युत सेल में धातु की टॉपी धनात्मक सिरा कहलाता है।

○ ऋणात्मक :- धातु की डिस्क ऋणात्मक सिरा कहलाता है।

 

○ विधुत-परिपथ विद्युत् –धारा की विद्युत् – सेल के (+) टर्मिनल से ( -) टर्मिनल की ओर होती हैं।

○विधुत– स्विच :- विद्युत् -बल्ब को ‘ ऑन ‘ अथवा ‘ ऑफ ‘ करने में विद्युत् – सेल की नोक से स्पर्श कराते अथवा हटाते है।

○विधुत – चालक :- जिन पदार्थों से होकर -धारा प्रवाहित हो सकती है , विद्युत् – चालक कहलाते हैं।

 

○ जब किसी तार से कोई विधुत धारा प्रवाहित होती है, तो वह तप्त हो जाता है।

 

○ प्रकाश उत्पन्न करने के लिए तपदीप्त बल्बों का प्रायः उपयोग होता है , लेकिन यह उष्मा भी देता है।

 

○ जब किसी तार से विधुत धारा प्रवाहित होती है , जिसे विधुत धारा का चुंबकीय प्रभाव कहते हैं।

 

○ विधुत धारा प्रवाहित करने पर कुंडली , चुंबक की भाँति व्यवहार करती हैं।

 

○ विद्युत-सेल में संचित रासायनिक पदार्थों से सेल विद्युत उत्पन्न करता है।

 

विधुत बल्ब के आविष्कार का श्रेय प्रायः थॉमस अल्वा एडिसन को दिया जाता है।

 

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