वन्यजीव अभयारण्य एवं राष्ट्रीय उद्यान
• राज्य में अभयारण्य तथा राष्ट्रीय उद्यानों के अन्तर्गत वन क्षेत्र, राज्य के कुल वन क्षेत्र का लगभग 11% है।
• राज्य में वर्ष 1971 में वनों में शिकार पर प्रतिबन्ध लगाया गया तथा वन्य जीवों के संरक्षण के लिए राष्ट्रीय उद्यान एवं अभयारण्यों की स्थापना की शुरुआत की गई।
• वर्ष 1972 में वन्य जीव संरक्षण अधिनियम अस्तित्व में आया। प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत 1973 में की गई। वर्ष 1974 से मध्य प्रदेश वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम लागू हुआ।
• राज्य का सबसे बड़ा अभयारण्य नौरादेही (सागर) है, जबकि सबसे छोटा अभयारण्य राला मण्डल (इन्दौर) है।
• एशियाई सिंहों को श्योपुर के पालपुर-कूनो अभयारण्य में संरक्षित किया जा रहा है।
☆ वन्यजीव अभयारण्य
राज्य के प्रमुख अभयारण्य निम्न हैं
◇ राष्ट्रीय चम्बल अभयारण्य
• इस अभयारण्य को राष्ट्रीय घड़ियाल अभयारण्य का दर्जा प्रदान किया गया।
• उत्तरी भारत में यह तीन राज्यों मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश से घिरा हुआ चम्बल नदी के किनारे स्थित है।
• यह अभयारण्य लगभग 5,400 वर्ग किमी क्षेत्र में (तीनों राज्यों के क्षेत्र को मिलाकर) फैला हुआ है। इस अभयारण्य में मगरमच्छ, कछुआ, ऊदबिलाव एवं डॉल्फिन भी पाई जाती है।
◇ बोरी वन्यजीव अभयारण्य
• बोरी अभयारण्य 1865 ई. में होशंगाबाद जिले की तवा नदी के किनारे स्थापित किया गया।
• यह लगभग 518 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला हुआ है। इसके उत्तर में सतपुड़ा राष्ट्रीय पार्क स्थित है।
. यहाँ शेर, तेन्दुआ एवं चीतल प्रमुख वन्य प्राणी पाए जाते हैं। साथ ही इस अभयारण्य में सागौन, बाँस और पर्णपाती वृक्ष भी पाए जाते हैं।
◇ घाटी गाँव अभयारण्य
• यह मध्य प्रदेश के ग्वालियर के समीप लगभग 612 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला हुआ है।
• इस पार्क का निर्माण वर्ष 1981 में किया गया। यहाँ पर ‘ग्रेट इण्डियन बस्टर्ड’ पक्षी अधिख संख्या में पाया जाता है। यहाँ काला हिरण तथा तेन्दुआ भी पाए जाते हैं।
◇ गाँधी सागर अभयारण्य
• गाँधी सागर अभयारण्य मन्दसौर एवं नीमच जिले की उत्तरी सीमा पर स्थित है। यह लगभग 368.62 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला हुआ है।
• यह अभयारण्य चम्बल नदी के पश्चिमी व पूर्वी भाग को अलग करता है। यहाँ नीलगाय, चिंकारा तथा तेन्दुआ पाए जाते हैं।
◇ नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य
• नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य भारत में चीते के संरक्षण के लिए प्रसिद्ध है। यह लगभग 1194.67 वर्ग किमी क्षेत्र में विस्तृत है।
• यह अभयारण्य संरक्षित अभयारण्य है। यह जबलपुर, दमोह एवं सागर जिले के समीप स्थित है। यह मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा वन्यजीव अभयारण्य है। यहाँ नीलगाय, काला हिरण, चीतल आदि पाए जाते हैं।
《राज्य के अन्य महत्वपूर्ण वन्यजीव अभ्यारण्य》
अभयारण्य प्रमुख वन्यजीव
• नरसिंहगढ़ – तेन्दुआ, साम्भर, चीतल,
मोर, जंगली सुअर
• डुबरी(संजय) – शेर, तेन्दुआ, चीतल,
नीलगाय, साम्भर, चिंकारा
• पंचमढ़ी – शेर, तेन्दुआ, साम्भर,
चीतल, गौर, नीलगाय,
हिरण, चिंकारा
• रातापानी – शेर, साम्भर, तेन्दुआ,
चीतल, नीलगाय
• पेंच – शेर, तेन्दुआ, साम्भर,
चीतल, गौर
• सोन(घड़ियाल) – घड़ियाल, मगरमच्छ,
कछुआ, प्रवासी पक्षी
• सरदारपुर – खरमोर, डॉल्फिन
• सौलाना – खरमोर
• गंगऊ – तेन्दुआ, जंगली सुअर,
साम्भर, चीतल, नीलगाय,
चिंकारा
• राला मण्डल – बाघ, तेन्दुआ, चीतल,
साम्भर, गौर, भालू
• ओरछा – तेन्दुआ, जंगली सुअर,
साम्भर, चीतल, चिंकारा
• वीरांगना दुगावती – साम्भर, नीलगाय, कृष्ण
मृग, चीतल
• पालपुर कूनो – शेर, चीतल, साम्भर,
नीलगाय, चिंकारा