अध्याय : 5 पंचायती राज

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ग्राम सभा –  ग्राम सभा एक पंचायत के क्षेत्र में रहने वाले सभी व्यस्क की सभा होती है।  इस सभा में एक गांव या अधिक गांव भी हो सकते हैं कोई भी व्यक्ति जिसकी उम्र 18 वर्ष या इससे अधिक हो जिसे वोट देने का अधिकार प्राप्त हो और जिसका नाम गांव की मतदाता सूची में हो वह ग्राम सभा का सदस्य होता है।  

 

ग्राम पंचायत एक  ग्राम पंचायत कई वार्ड छोटे क्षेत्र मैं बठी होती है प्रत्येक वार्ड अपना एक प्रतिनिधि चुनता है जो वार्ड पंच के नाम से जाना जाता है पंचायत क्षेत्र के लोग मिलकर सरपंच को चुनते हैं जो पंचायत का मुखिया होता है वार्ड पंच और सरपंच मिलकर ग्राम पंचायत का गठन 5 वर्ष के लिए करते हैं

 

सचिव ग्राम पंचायत का एक सचिव होता है यह ग्राम सभा में ग्राम पंचायत दोनों का सचिव होता है इसका चुनाव नहीं होता सरकार द्वारा नियुक्ति की जाती है इसका कार्य ग्राम सभा में ग्राम पंचायत की बैठक बुलाना और जो भी चर्चा एवं निर्णय हुआ हो उनका रिकॉर्ड रखना होता है।  

 

ग्राम  पंचायत के कार्य –  सड़कों, नालियों, स्कूल, भवनों, पानी के स्रोतों, और अन्य सार्वजनिक उपयोग के भवनों का निर्माण और रखरखाव, स्थानीय कर लगाना और इकट्ठा करना गांव के लोगों को रोजगार देने  संबंधित सरकारी योजना लागू करना

 

ग्राम पंचायत की आमदनी के स्रोत –  घरों एवं बाजारों पर लगाए जाने वाले कर से मिलने वाली राशि विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा चलाई गई योजनाओं की राशि जो जनपद एवं जिला पंचायत द्वारा आती है समुदाय के काम के लिए मिलने वाले दान।  

 

समितियां –  ग्रामसभा काम करने के लिए समितियां बनाती है यह कुछ राज्यों में है इसके सदस्य होते हैं कुछ ग्राम सभा सदस्य और कुछ पंचायत के सदस्य, उदाहरण :  निर्माण समिति

 

ग्राम पंचायत ग्रामसभा के प्रति जवाबदेह होती है 

 

जिला पंचायत –  जिला परिषद पंचायत समिति के ऊपर जिला पंचायत होती है यह जिले के स्तर पर विकास योजना बनाती है पंचायत समिति की मदद से यह पंचायतों में आवंटित राशि के विवरण की व्यवस्था करती है 

 

 

अध्याय 6 – गांव का प्रशासन

 

 

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