घासस्थल :- जिन प्रदेशो के पादप जीवन में प्रमुखत: घास की अधिकता होती है यह पृथ्वी का 1/4 भाग पर फैले हैं
घासस्थल – शीतोष्ण और उष्णकटिबंधीय
प्रेयरी :- उत्तरी अमेरिका के शीतोष्ण घासस्थल को प्रेयरी कहते है ये समतल , मंद ढलान या पहाड़ियों वाले प्रदेश है2 M तक घास यहाँ की प्रधानता है अधिकांश भागो में वृक्ष रहित है।
-पश्चिम में रॉकी पर्वत एवं पूर्व में ग्रेट लेक
-अमेरिका में प्रेयरी का अपवाहन मिसी
-कनाडा में सासकेच्चन द्वारा होता हैं (नदी)
मूलनिवासी : रेड इंडियन
प्रेयरी :-लैटिन शब्द प्रिएटा से बना अर्थ शद्धल
जलवायु :- चरम तापमान वाली महाद्वीपीय जलवायु ग्रीष्म में तापमान 20’C तथा शीत ऋतु में 0′ से – 20’C , वार्षिक वर्षा सामान्य
चिनूक :- स्थानीय गर्म पवन बहती है यहाँ
वन्सपतिजात एवं प्राणिजात :- पेड़ : , शरपत , आल्डर , पॉप्लर
– उपजाऊ मिट्टी होती है प्रमुख फसल : मक्का , अन्य , आलू , सोयाबीन , कपास , अल्फा -अल्फा
-विशाल मवेशी फार्म को रैंच एवं देशमाल करने वाले को काओबॉय कहते है
– प्रमुख पशु : बाइसन , अन्य खरगोश , कइयोत , गोफर , प्रेयरी कुत्ता
लोग :- लोग परिश्रमी होते है , कृषि की वैज्ञानिक विधियों एवं ट्रैक्टर , हारबेस्टर तथा कंबाइन के उपयोग किए जाते है
– यह विश्व का धान्यागार कहलाता है गेँहू के विशाल उत्पादन कारण
– दुग्ध उत्पादन एक अन्य उद्योग है , कोयला लोहा जैसे खनिज पदार्थो के विशाल भंडार है
– तथा इसे विश्व का सबसे बड़ा औगोगिक प्रदेश बन गया है
वेल्ड :- दक्षिण अफ्रीका के शीतोष्ण घासस्थल को वेल्ड कहते है यह 600M -1100M तक ऊँचे उर्मिल पठार होते है
-यह ड्रैकेसबर्ग पर्वत से धीरे है पश्चिम में कालाहारी रेगिस्तान उत्तरपूर्व में उच्च वेल्ड है नदी – ऑरेंज , लिमपोपो
जलवायु :- नम जलवायु , शीत में ठंडी एवं शुष्क 5′ C तो 10’स तक तापमान
– जुलाई सबसे ठंडा माह , ग्रीष्म ऋतु अल्पकालीन एवं गर्म वर्षा NOV to FEB तक ग्रीष्म ऋतु में होती है
वनस्पति एवं प्राणिजात :- वनस्पति विरल होती है लाल घास वेल्ड की झड़ियो में पैदा , बबूल , मरोला जानवर :- शेर , तेंदुआ , चीता , कुडु
निवासी :- पशुपालन व् खनन के लिए प्रसिद्ध उपजाऊ भूमि नहीं होती , यहाँ मक्का , गेंहूँ , ज्वार ,अखरोट , आलू , प्रमुख फसल :- तम्बाकू , गन्ना , कपास
-प्रमुख व्यवसाय – भेड़ पालन , उन के लिए , यहाँ ऊनी उद्योग विकसित है
-मैरिनो भेड़ प्रमुख प्रजाति – दुग्ध उत्पादन
-खनिज के प्रचुर भंडार लोहा , कोयला , सोना एवं हीरे यहाँ का प्रमुख खनन व्यवसाय
–जोहासबर्ग – विश्व की स्वर्ण राजधानी