अध्याय 7 : नगर प्रशासन

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नगर निगम –  नगर प्रशासन चलाने वाली संस्था को नगर निगम कहते हैं इसके तीन प्राधिकरण हैं परिषद स्थाई समिति आयुक्त इसके अंतर्गत चुंगी कर ग्रह कर मनोरंजन का कर आते हैं यह महानगरों के प्रशासन के लिए जिम्मेदार होता है और जिन शहरों की जनसंख्या 5 लाख या उससे ज्यादा हो वहां यह पाए जाते हैं

 

नगर पालिका – यह भी एक प्रशासनिक इकाई होती है यह एक शहर कस्बे या गांव या उनमें से छोटे समूह रूप में होती है

    यह नगरपालिका भारत में मुख्य रूप से शहर के रूप में जाना जाता है

    इसमें जनसंख्या 20000 से अधिक होती है किंतु यह महानगर नहीं होते

 

 नगर पंचायत  – ऐसे क्षेत्र के लिए जो ग्रामीण क्षेत्र से नगर क्षेत्र में परिवर्तित हो रहा है

 

पार्षद  – नगर निगम प्रशासन शहर को अलग-अलग भागों में बांटा जाता है और हर वार्ड में एक पार्षद का चुनाव होता है पार्षद मिलकर

समितियां बनाते हैं जो डिटेल निर्णय लेती हैं नगर निगम के सदस्य को पार्षद बोलते हैं तथा इसका चुनाव आम निर्वाचन के आधार पर होता है

 

 न्यूनतम आयु 21 वर्ष
 मेयर के लिए आयु 30 आवश्यक है
 तीनो स्तर का गठन 5 वर्ष के लिए होता है और भंग की स्थति में 6 माह के अंदर चुनाव करना आवश्यक है। 

SC/ST जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण

महिला के लिए 33% न्यूनतम आरक्षण

OBC राज्य विधान मंडल के अनुसार आरक्षण
अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष दोनो प्रकार से हो सकता है और उपाध्यक्ष सदस्य खुद चुनते है

संसद या राज्य विधानमंडल के सदस्य भी इसके सदस्य हो सकते है