भारत : जलवायु , वनस्पति तथा वन्य प्राणी
मौसम – वायुमंडल में दिन-प्रतिदिन होने वाला परिर्वतन है। इसमें तापमान , वर्षा तथा सूर्य का विकिरण इत्यादि शामिल हैं।
भारत में प्रमुख मौसम :-
1. सर्दी – दिसंबर से फरवरी तक ठंडा मौसम
2. गर्मी :- मार्च से मई तक मौसम
3. वर्षा जून से सितंबर तक दक्षिण-पश्चिम मानसून का मौसम
4. शरद :- अक्टूबर और नवंबर में मानसून के लौटने का मौसम
1.शीत ऋतु :- ठंडे मौसम में सूर्य की सीधी किरणें नहीं पड़ती हैं जिसके परिणास्वरूप उत्तर भारत का तापमान कम हो जाता है।
2. ग्रीष्म ऋतु :- गर्मी के मौसम में सूर्य की किरणें सीधी पड़ती हैं जिसके कारण तापमान अधिक हो जाता है।
3. वर्षा का मौसम :– यह मानसून के आने तथा आगे बढ़ने का मौसम है। इस समय पवन बंगाल की खाड़ी तथा अरब सागर से स्थल की ओर बहती है। जब ये पवनें पहाड़ों से टकराती हैं तब वर्षा होती है।
4. शरद ऋतु :- इस समय पवनें स्थल भागों से लौटकर बंगाल की खाड़ी की ओर बहती है। यह मौसम के लौटने का मौसम होता है।
भारत के दक्षिणी भागों विशेषकर तमिलनाडु तक आंध्र प्रदेश में इस मौसम में वर्षा होती है।
जलवायु :- किसी स्थान पर अनेक वर्षों में मापी गई मौसम की औसत दशा को जलवायु कहते हैं।
भारत की जलवायु को मोटे तौर पर मानसूनी जलवायु कहा जाता है।
मानसून शब्द अरबी भाषा के मौसिम से लिया गया है , जिसका अर्थ होता है मौसम।
किसी स्थान की जलवायु उसकी स्थिति , ऊँचाई , समुद्र से दूरी। तथा उच्चावच पर निर्भर करती है।
भारत की जलवायु में क्षेत्रीय विभिन्नता है –
1. राजस्थान के मरुस्थल में स्थित जैसलमेर तथा बीकानेर बहुत गर्म स्थान है।
2. जम्मू तथा कश्मीर के द्रास एवं कारगिल में बर्फीली ठंड पड़ती है।
3. तटीय क्षेत्र जैसे मुंबई तथा कोलकाता की जलवायु मध्यम है। समुद्र तट होने के कारण ये स्थान बहुत अधिक आर्द्र हैं।
4. विश्व में सबसे अधिक वर्षा मेघालय में स्थित मौसिनराम में होती हैं।
5. केरल , आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में पुरे साल मौसम एक जैसा रहता है। भारत उष्ण कटिबंध में आआता है।
प्राकृतिक वनस्पति :- जो पौधे ,घास और झाड़ियाँ बिना मनुष्य की सहायता के उग जाते हैं। अलग-अलग जलवायु में अलग-अलग प्रकार वनस्पतियाँ पाई जाती हैं।
वन्य प्राणी :- वनों में जंतुओं की हजारों प्रजातियाँ है जैसे सरीसृपों , उभयचरों , पक्षियों स्तनधारियों , कीटों तथा कर्मियों का निवास होता है