अध्याय 5 : राज्य राजा और एक प्राचीन गणराज्य

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3000 साल पहले राजा बनने की प्रकिया में कुछ बदलाव आए।अश्वमेघ यज्ञ आयोजित करके राजा के रूप में प्रतिष्ठित हो गए।

 

 शासक : 3000 साल पहले राजा बनने की प्रकिया में कुछ बदलाव आए।अश्वमेघ यज्ञ आयोजित करके राजा के रूप में प्रतिष्ठित हो गए। अश्वमेघ यज्ञ करने वाला राजा बहुत शक्तिशाली माना जाता था।  महायज्ञों को करने वाले राजा अब जन के राजा न होकर जनपदों के राजा माने जाने लगा। जनपद का शब्दिक अर्थ जन के बसने की जगह होता है।

 

अश्वमेघ यज्ञ : इस यज्ञ में रक घोड़े को राजा के लोगो की देखरेख में स्वतंत्र विचरण के लिए छोड़ दिया जाता था इस घोड़े को किसी दूसरे राजा ने रोका तो उसे वहाँ अश्वमेघ यज्ञ करने वाले राजा से युद्ध करना होगा अगर उसे जाने दिया तो अश्वमेघ यज्ञ वाला राजा अधिक शक्तिशाली है। यज्ञ पुरोहित द्वारा संपन्न होता था तथा विभिन राजा को आमंत्रित किया जाता था। 

उत्तर वैदिक ग्रन्थ : जो ग्रन्थ ऋगवेद के बाद रचे गए जैसे – सामवेद, यजुर्वेद, अथर्वेद, उपनिषद। 

 

वर्ण :- पुरोहितों ने लोगों को चार वर्गों में विभाजित 

ब्राह्मण वेदों का अध्ययन-अध्यापन और यज्ञ करना
क्षत्रिययुद्ध करना और लोगों की रक्षा करना
वैश्यकृषक , पशुपालक , और व्यापारी
शूद्रतीनों वर्णों की सेवा करना

 

जनपद :- जनपद का शब्दिक अर्थ जन के बसने की जगह होता है। महायज्ञों को करने वाले राजा अब जन के राजा न होकर जनपदों के राजा माने जाने लगे।  इन में लोग झोपड़ियों में रहते थे और मवेशी तथा जानवरो को पालते थे चावल, गेहू ,धान, जो, दाल, तिल, सरसो उगते थे कुछ जनपद है। 

दिल्ली पुराना किला 
उत्तर प्रदेश हस्तिनापुर 
एटा अतरंजीखेड़ा 

 

 

महाजनपद :-  2500 साल पहले , कुछ जनपद अधिक महत्वपूर्ण हो गए। इन्हे महाजनपद कहा जाने लगा। अधिकतर महाजनपदों की एक राजधानी होती थी। कई राजधानियों में किलेबंदी की गई थी अर्थात इनके चारों ओर विशाल , ऊँची और प्रभावशाली दीवार खड़ी कर अपनी समृद्धि और शक्ति का प्रदर्शन भी करते थे इस तरह क्षेत्रों पर नियत्रंण रखना भी सरल हो गया

 

 

कर :-  महाजनपदों के राजा विशाल किले बनवाते थे और बड़ी सेना रखते थे इसलिए अब नियमित रूप से कर वसूलने लगे। – अधकांश लोग कृषक ही थे प्राय: फसल का उपज का 1/6 हिस्सा कर लेते थे। –करीगरों के ऊपर भी कर लगाए गए श्रमिकों को राजा के लिए महीने में एक दिन काम करना पड़ता था

पशुपालक :- जानवरों या उनके उत्पाद के रूप में कर देना पड़ता था।

व्यपारियों :- सामान खरीदने-बेचने पर भी कर देना पड़ता था।

आखेटकों :- जंगल से प्राप्त वस्तुएँ देनी होती थीं।

 

कृषि में परिवर्तन :- इस युग में कृषि के क्षेत्र में दो बड़े परिवर्तन आए

1. हल के फाल अब लोहे के बनने लगे जिससे अब कठोर जमीन को आसानी से जोता जा सकता था इससे फ़सलों की उपज बढ़ गई।

2. लोगो ने धान के पौधों का रोपण शुरू किया जिससे अब पहले से की तुलना में बहुत पौधे जीवित रह जाते थे , इसलिए पैदावार भी ज़्यादा होने लगी। सूक्ष्म- निरीक्षण

 

मगध :- लगभग दो सौ सालों के भीतर मगध सबसे महत्वपूर्ण जनपद बन गया। गंगा और सोन जैसी नदियाँ मगध से होकर बहती थीं। मगध का एक हिस्सा जंगलो से भरा था। इन जंगलो में रहने वाले हाथियों को पकड़ कर उन्हें प्रशिक्षित कर सेना के काम में लगाया जाता था।

मगध :- बिम्बिसार  मगध का शक्तिशली शासक था आजातशत्रु  राजगृह में स्तूप का निर्माण। करवाया।

महापदमनंद :- एक और महत्वपूर्ण शासक थे। उन्होंने अपने नियंत्रण का क्षेत्र इस उपमहाद्वीप के उत्तर-पश्चिमी भाग तक फैला लिया था। बिहार में राजगृह (आधुनिक राजगीर) कई सालों तक मगध की राजधानी बनी रही और बाद में पाटलिपुत्र ( आज का पटना ) को राजधानी बनया गया

वज्जि : इसकी राजधानी वैशाली थी यह मगध के समीप था यहां शासन व्यवस्था गण /संघ थी.  इन गण /संघ में कई  शासक होते थे कभी कभी लोग एक साथ शासन करते थे वे सभी राजा होते थे  

2300 साल पहले मेसीडोनिया का राजा सिकन्दर विश्व-विजय करना चाहता था। वह मिस्र और पश्चिमी एशिया के कुछ राज्यों को जीतता हुआ भरतीय उपमहाद्वीप में व्यास नदी के किनारे तक पहुँच गया। जब उसने मगध की और कूच करना चाहा , तो उसके सिपाहियों ने इंकार कर दिया। वे इस बात से भयभीत थे की भारत के शासकों के पास पैदल , रथ हाथियों की बहुत बड़ी सेना थी।

 

 

अध्याय 6 : नए प्रश्न नए विचार