अध्याय 8 – मानव-पर्यावरण अन्योन्यक्रिया : उष्णकटिबंधीय एवं उपोष्ण प्रदेश

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भूमध्यरेखीय प्रदेश :-भूमध्य रेखा के 10′ उत्तर से 10′ दक्षिण के मध्य के भाग को कहा जाता है 

 

अमेजन बेसिन में जीवन :- उष्णकटिबंधीय प्रदेश कर्क रेखा और मकर रेखा के मध्य स्थित हैं।अमेज़न नदी इसी प्रदेश से होकर बहती है। अमेज़न नदी में बहुत सारी सहायक नदियाँ मिलकर अमेज़न बेसिन का निर्माण करती है।

यह नदी पेरू , बोलीविया , इक्वाडोर , कोलंबिया तथा वेनेजुएला , के भाग से अपवाहित होती है।

 

 जलवायु – अमेज़न बेसिन भूमध्य रेखा के आस-पास फैला है। यहाँ पुरे वर्ष गर्म एवं नम जलवायु रहती है। यहाँ मौसम दिन एवं रात में एक समान रूप से गर्म एवं आर्द्र होता है तथा शरीर में चिपचिपाहट महसूस होती है। इस प्रदेश में लगभग प्रतिदिन वर्षा होती है।

 

वर्षा वन – इन प्रदेशों में अत्यधिक वर्षा के कारण यहाँ की भूमि पर सघन वन उग जाते हैं। वन इतने सघन होते हैं की पत्तियों तथा शाखाओं से ‘ छत ‘ सी बन जाती है जिसके कारण सूर्य का प्रकाश धरातल तक नहीं पहुँच पाता हैं।

वर्षावन में प्राणिजात की प्रचुरता होती है। टूकन , गुंजन पक्षी और प्राणियों में बंदर , स्लॉथ , चीटीं खाने वाले टैपीर भी यहाँ पाए जाते हैं।

इसके आलावा साँप ,अजगर तथा एनाकोंडा एवं बोआ आदि पाए जाते है। जीवों की विविधता की दृष्टि से यह बेसिन समृद्ध है।

 

 

 वर्षावन के निवासी – यहाँ के लोग छोटे-से क्षेत्र में वन के कुछ वृक्षों को काटकर अपने भोजन के लिए फसल उगाते हैं। यहाँ के पुरुष शिकार करते हैं तथा नदी में मछली पकड़ते हैं जबकि महिलाएँ फसलों का ध्यान रखती हैं।

ये मुख्यत : टैपियोका , अनाननास एवं शकरकंद उगाते हैं। यहाँ ” कर्तन एवं दहन कृषि प्रद्धति ” का प्रयोग करते हैं। इनका मुख्य आहार मेनियोक है , जिसे कसावा भी कहते हैं।

वर्षावन अत्यधिक मात्रा में घरों के लिए लकड़ी प्रदान करते हैं। यहाँ के लोग पौराणिक तरीके से खेती करते रहे हैं

1970 में ट्रांस अमेज़न महामार्ग बनने से वर्षावन के सभी भागों तक पहुँचना संभव हो गया।

 

गंगा-ब्रह्मपुत्र बेसिन में जीवन :- गंगा तथा ब्रह्मपुत्र की सहायक नदियाँ मिलकर भारतीय उपमहाद्वीप में गंगा-ब्रह्मपुत्र बेसिन का निर्माण करती है यह बेसिन उपोष्ण में 10 उत्तर से 30 उत्तर अक्षांश के मध्य स्थित है।

घाघरा , सोन , चंबल , गंडक , कोसी सहायक नदियाँ इसमें अपवाहित होती हैं।

इनकें मैदान , पर्वत , गिरिपाद , डेल्टा इस बेसिन की मुख्य विशेषताएँ है।

यहाँ की जलवायु मुख्यत : मानसूनी है।

 

 

 बेसिन क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की स्थलाकृति हैं। जनसंख्या के वितरण में पर्यावरण की प्रमुख भूमिका होती है। मैदानीं क्षेत्रों में जनसंख्या घनत्व अधिक है। यहाँ के लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि है। विभन्न भू-आकृतियों के अनुसार वनस्पति में भी विभन्नता पायी जाती है।
 गंगा नदी के संरक्षण के लिए ‘ नमामी गंगे ‘ कार्यक्रम को शुरू किया गया है।

 

 2 अक्टूबर 2014 को ‘ स्वच्छ भारत मिशन ‘ का शुभारंभ किया

जून 2014 नमामि गंगे कार्यक्रम 

सुसु एक प्रकार की डॉल्फिन , अंधी मछली होती है जो गंगा नदी में रहती है 

 

बेसिन :– मुख्य नदी अपनी सहायक नदियो के साथ जिस क्षेत्र के पानी को बहकर ले जाती है वह उसका बेसिन / जलसंग्रह कहलाता है 

 

अध्याय 9 : शीतोष्ण घासस्थलों में जीवन