राज्य की प्रमुख फसलें
• राज्य में मुफ्त रुप से दो प्रकार की फसलें पैदा की जाती है- रबी और खरीफ।
रबी फसलें-
• इन फसलों को स्थानीय भाषा में आषाढ़ी फ़सल भी कहा जाता है इन फसलों को अक्टूबर, नवंबर महीने में बोया जाता है तथा अप्रैल- मई में काट लिया जाता है।
• गेहूॅं
° हरियाणा में देश के कुल गेहूॅं उत्पादन का 12% गेहूॅं पैदा होता है ° इसका उत्तर प्रदेश व पंजाब के बाद तीसरा स्थान है राज्य में गेहूं उत्पादन के प्रमुख क्षेत्र हिसार , सिरसा भिवानी वह जीन्द है।
• कपास,जौ
• हरियाणा का कपास उत्पादन में देश में चौथा स्थान है।
• राज्य में कपास उत्पादन जिले हिसार, सिरसा, भिवानी,जीन्द, रोहतक आदि हैं।
• चना
° चने की फसल भिवानी, हिसार, सिरसा, महेन्द्रगढ़, रोहतक आदि क्षेत्रों में उगाई जाती है।° यह पश्चिम क्षेत्रों में पाई जाती है।
• दलहन
° तिलहन व दलहनी फसलें भिवानी, हिसार, महेंद्रगढ़, रोहतक, रेवाड़ी, सिरसा,जीन्द, गुड़गांव, सोनीपत आदि क्षेत्रों में उगाई जाती है।
खरीफ फसलें
• इन फसलों को सावनी फसल भी कहा जाता है।इन फसलों को जुलाई के प्रारम्भ में बोया जाता है तथा सितंबर में काट लिया जाता है।
• इस फसल मे जल की बहुत कम आवश्यकता होती है। इसकी खेती अम्बाला, यमुनानगर, पंचकुला, रोहतक जिलों में पाई जाती है।
• चावल
°पूर्व में यहाॅं चावल का उत्पादन आंशिक होता था। राज्य गठन के समय से वर्तमान समय तक चावल के उत्पादन में 12 गुना वृद्धि हुई है,जो इस राज्य में अब बेहद लोकप्रिय खाद्य फसल है।
° राज्य में चावल उत्पादन के प्रमुख क्षेत्र हैं करनाल, कैथल, कुरुक्षेत्र, अम्बाला,जीन्थ, सोनीपत, हिसार। ° राज्य का करनाल जिला बासमती चावल के उत्पादन में विश्व प्रसिद्ध होने के कारण चावल का कटोरा नाम से जाना जाता है।
• बाजार
° इसकी बुवाई सिंचात क्षेत्रों के माध्य जुलाई में तथा गैर-सिंचित क्षेत्रों में प्रथम मानसूनी वर्षा के बाद की जाती है।
• ज्वार
° उत्पादन की दृष्टि से सिरसा, महेंद्रगढ़, भिवानी,जीन्द जिले प्रमुख हैं।
राज्य के कृषि आंकड़े
• भौगोलिक क्षेत्र- 4421 हजार हैक्टेयर
• वन के अंतर्गत क्षेत्र- 40 हजार हेक्टेयर
• वन प्रतिशत- 0.9
• कृषि योग्य क्षेत्र – 3689 हजार हेक्टेयर (83.4%)
• शुद्ध बोया क्षेत्र -3513 हजार हेक्टेयर (95.2%)
• एक से अधिक बार बोया गया क्षेत्र-2862 हजार हेक्टेयर
• सकल फसल क्षेत्र- 6375 हजार हेक्टेयर
• फसल तीव्रता-181.47%
• शुद्ध सिंचित क्षेत्र-3102 हजार हेक्टेयर