राजस्थान : प्रशासनिक स्वरुप
वर्तमान राजस्थान का निर्माण एक लंबी प्रक्रिया से गुजरा जिसकी शुरुआत 17 मार्च 1948 को हुई राजस्थान राज्य के गठन का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है
प्रथम चरण – मत्स्य संघ की स्थापना दिनांक 17 मार्च 1948 सम्मिलित रियासत भरतपुर धौलपुर अलवर और करौली राजधानी अलवर राज्य प्रमुख धौलपुर के महाराजा
द्वितीय चरण – राजस्थान संघ की स्थापना दिनांक 25 मार्च 1948 रियासत बांसवाड़ा बूंदी कोटा आंख डूंगरपुर झालावाड़ शाहपुरा किशनगढ़ राजधानी कोटा राजप्रमुख कोटा के महाराजा
तृतीय चरण – संयुक्त राजधानी के स्थापना दिनांक 18 अप्रैल 1948 रियासत राजस्थान संघ और उदयपुर राजधानी उदयपुर राज्य प्रमुख उदयपुर के महाराजा उप राज्य प्रमुख कोटा के महाराजा
चतुर्थ चरण – वृहत राजधानी की स्थापना दिनांक 30 मार्च 1949 रियासने संयुक्त राजस्थान और बीकानेर जयपुर जोधपुर जैसलमेर राजधान जयपुर महाराज प्रमुख उदयपुर के राजा राजप्रमुख जयपुर के महाराजा उप राज्य प्रमुख कोटा के महाराजा प्रथम प्रधानमंत्री पंडित हीरालाल शास्त्री
पंचम चरण – संयुक्त राजधानी की स्थापना दिनांक 15 मई 1949 मत्स्य संघ और वृहद राजधानी को मिला दिया गया
षष्टम चरण – राजस्थान संघ की स्थापना दिनांक 26 जनवरी 1950 एकमात्र प्राचीन बच्ची रियासत सिरोही को गणतंत्र दिवस के दिन मिलाकर संयुक्त वृहत राजस्थान का नाम राजस्थान संघ कर दिया गया सिरोही रियासत की एक तहसील आबू को गुजरात में मिला दिया गया
सप्तम चरण – राज्य पुनर्गठन आयोग की सिफारिश पर केंद्र शासित प्रदेश अजमेर मेवाड़ को भी 1 नवंबर 1956 को राजस्थान में मिला दिया गया इसके साथ आबू तहसील एवं मध्य भारत के मंदसौर जिले को एक क्षेत्र सुनेल टप्पा काबिले राजस्थान में किया गया एवं दूसरी ओर कोटा रियासत का सिरोज क्षेत्र मध्य भारत में मिला दिया गया राजस्थान संघ का नाम राजस्थान कर दिया गया
30 मार्च 1949 को वृहत राजस्थान के रूप में महत्चपूर्ण इकाई का गठन हुआ था इसलिए यह तिथि राजस्थान राज्य के स्थापना दिवस के रूप में मनाई जाती हैं प्रशासनिक दॄष्टि से राजस्थान राज्य को 7 संभागो तथा 33 जिलो में बाटा गया हैं